सोशल मीडिया की वजह से न जाने कितने अफवाह फैलती रहती है जो की भयंकर भी होती है | ऐसे ही बीते कुछ दिनों से एक अद्भुत किसान की चमत्कारी सब्जी चर्चा में थी। फेसबुक, ट्विटर पर करोड़पति बनने वाले किसान का जलवा चढ़ ही रहा था कि भंडाफोड़ हो गया। लोग लाखो की सब्जी वाली फेक फार्मिंग न्यूज़ से बेवकूफ बन गए | एक लाख रु. प्रति किलो वाली दुनिया की सबसे महंगी सब्जी उगाने का दावा करने वाले किसान की सच्चाई जानकर सभी लोग चौक गए थे | कई दिनों से दावा किआ जा रहा था कि बिहार में एक किसान ने हॉप शूट्स नाम की सबसे मंहगी सब्जी उगाई है जिसकी कीमत ही लाखों में हैं। देखते ही देखते लोग इस कहानी से इतने प्रभावित हो गए इसे कृषि क्षेत्र में चम्तकार कहा जाने लगा। इस कहानी को एक लेडी आईएएस अफसर ने भी साझा किया तो लोग किसान की असलियत जानने टूट पड़े। आईएएस अधिकारी सुप्रिया साहू ने एक न्यूज क्लिप और फसलों की तस्वीर के साथ एक ट्वीट किया "इस सब्जी के एक किलोग्राम की कीमत लगभग १ लाख है भारतीय किसानों के लिए गेम-चेंजर हो सकती है" ।
बिहार के औरंगाबाद जिले के रहने वाले ३८ वर्षीय किसान अमरेश सिंह हॉप शूट्स की खेती कर रहे हैं। २०१२ में हजारीबाग के सेंट कोलंबस कॉलेज से १२वीं पास करने वाले अमरेश नवीनगर कमरडीह गांव में अपनी जमीन पर हॉप शूट्स की खेती कर रहे हैं। ६ साल पहले अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस सब्जी की कीमत १००० पाउंड प्रति किलोग्राम थी जो लगभग एक लाख रुपए के बराबर है। भारत में यह सब्जी न के बराबर दिखती है और सिर्फ ऑर्डर देकर ही खरीदी जाती है।
खबर इतनी वायरल हो गई कि मीडिया चैनल दैनिक जागरण गांव, उस किसान शख्स से मिलने पहुंच गया। रिपोर्ट में सामने आया कि बिहार में ऐसी सब्जी की खेती का दावा पूरी तरह फर्जी है। ८० हजार से एक लाख रुपये प्रति किलो की ऐसी सब्जी उगाने वाला कोई शख्स नहीं है।
जब अमरेश से बात की तो उन्होंने दावा किया है कि उसने ट्रायल के तौर पर खेती शुरू की पर बीमार पड़ जाने की वजह से उनके पार्टनर इसकी देखरेख नहीं कर सके। इस वजह से फसल सूख गई। अब वे फिर से खेती करेंगे। वहीं विभिन्न समाचार माध्यमों में यह दावा किया जा रहा है कि खेती ६० फीसद तक सफल रही थी। हां यह जरूर है कि अमरेश ने काले चावल और काले गेहूं उगाए थे जिसकी खेती बिहार में कई जगहों पर की जा रही है। पर हॉप शूट्स तो कहीं नजर नहीं आया। उद्यान निदेशक जितेंद्र कुमार ने बताया कि अमरेश के दावे की उच्चस्तरीय जांच की जा रही है। अगर फर्जी खेती (फेक फार्मिंग) का मामला निकला तो कार्रवाई भी की जाएगी। जिला कृषि कार्यालय के अधिकारी इस पर रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। अमरेश की खेती की फोटो देखी तो वो मेंथा की फसल निकली जिसे हॉप शूट बताया जा रहा था। कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जो तस्वीर इंटरनेट मीडिया पर दिख रही है वह हॉप शूट्स नहीं है।