हॉकी के भविष्य के सितारों को मंच देने वाले जूनियर हॉकी वर्ल्ड कप टूर्नामेंट की शुरुआत आज से हो रही है। इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में 24 अलग-अलग देशों के अंडर-21 खिलाड़ी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। यह प्रतियोगिता युवा खिलाड़ियों के लिए सीनियर राष्ट्रीय टीम में अपनी दावेदारी पेश करने का एक शानदार अवसर है, खासकर इसलिए क्योंकि लॉस एंजेलिस में तीन साल बाद ओलंपिक का आयोजन होने वाला है।
वैश्विक मंच पर 24 टीमों की टक्कर
यह जूनियर वर्ल्ड कप छह अलग-अलग महाद्वीपों (कॉन्टिनेंट) की सर्वश्रेष्ठ टीमों को एक छत के नीचे लाएगा। यह टूर्नामेंट 10 दिसंबर को होने वाले फाइनल मैच के साथ समाप्त होगा।
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मेजबानी: भारत इस टूर्नामेंट की मेजबानी कर रहा है, और यह 9 साल बाद है जब भारत अपने घरेलू मैदान पर यह वर्ल्ड कप खेलेगा।
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भारत का गौरव: भारतीय जूनियर टीम इस टूर्नामेंट के इतिहास में दूसरी सबसे सफल टीम रही है, जिसने अपने प्रदर्शन से हमेशा फैंस को रोमांचित किया है
भारत का पहला मुकाबला चिली से
मेजबान और दूसरी सबसे सफल टीम होने के नाते, भारत पर फैंस की निगाहें टिकी रहेंगी।
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पहला मैच: जूनियर हॉकी वर्ल्ड कप में टीम इंडिया का पहला मैच चिली से होगा।
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स्थान: यह रोमांचक मुकाबला चेन्नई के मेयर राधाकृष्णन हॉकी स्टेडियम में खेला जाएगा, जो भारतीय हॉकी के लिए एक ऐतिहासिक मैदान है।
जूनियर वर्ल्ड कप के लिए टीम इंडिया का स्क्वाड
भारतीय जूनियर टीम का नेतृत्व डिफेंडर रोहित करेंगे। यह टीम अनुभव और युवा जोश का शानदार मिश्रण है, जो घरेलू मैदान पर इतिहास दोहराने की क्षमता रखती है।
| पोजीशन |
खिलाड़ी का नाम |
| गोलकीपर |
बिक्रमजीत सिंह, प्रिंसदीप सिंह |
| डिफेंडर |
रोहित (कप्तान), तलेम प्रियोबार्ता, अनमोल एक्का, आमिर अली, सुनील पलाक्षप्पा बेन्नूर, शारदानंद तिवारी |
| मिडफील्डर |
अंकित पाल, थौनाओजाम इंगलेम्बा लुवांग, एड्रोहित एक्का, रोसन कुजूर, मनमीत सिंह, गुरजोत सिंह |
| फॉरवर्ड |
अर्शदीप सिंह, सौरभ आनंद कुशवाह, अजीत यादव, दिलराज सिंह |
ओलंपिक की दावेदारी
अंडर-21 खिलाड़ियों के लिए यह टूर्नामेंट सिर्फ विश्व कप जीतने का अवसर नहीं है, बल्कि सीनियर टीम में जगह बनाने का भी एक महत्वपूर्ण जरिया है। लॉस एंजेलिस ओलंपिक 2028 से पहले, इस मंच पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को सीनियर टीम में शामिल होने और भविष्य में ओलंपिक जैसे बड़े इवेंट्स में देश का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिल सकता है।
सभी हॉकी प्रेमियों की निगाहें अब भारतीय युवाओं पर टिकी हैं, जो एक बार फिर जूनियर हॉकी का ताज अपने नाम करने की कोशिश करेंगे।