पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की बहन उजमा खानम ने मंगलवार को रावलपिंडी की अदियाला जेल में उनसे मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद, इमरान खान की दूसरी बहन अलीमा खान ने परिवार की अगली रणनीति की घोषणा की है। उन्होंने दावा किया कि इमरान खान जेल में गंभीर मानसिक प्रताड़ना झेल रहे हैं, जिसके बाद परिवार ने एक बड़ा कदम उठाने का फैसला किया है।
अलीमा खान ने घोषणा की कि परिवार अब हर मंगलवार को अदियाला जेल के बाहर धरना देगा और तब तक नहीं हटेगा जब तक उन्हें परिवार के छह सदस्यों और छह वकीलों से नियमित रूप से मिलने की अनुमति नहीं मिल जाती।
उन्होंने अधिकारियों को कड़ा संदेश देते हुए कहा, "अगर उन्हें लगता है कि चुप्पी हमें तोड़ देगी, तो वे गलत हैं। वे जितना ज़्यादा लोगों तक पहुंच को रोकेंगे, प्रतिरोध उतना ही मज़बूत होगा। केवल पारदर्शिता और कानूनी पहुंच ही इस अन्याय को खत्म कर सकती है।"
उजमा खानम का चौंकाने वाला दावा: 'मानसिक प्रताड़ना'
पीटीआई सदस्यों और समर्थकों की बढ़ती चिंताओं के बीच यह मुलाकात हुई, जो इमरान खान के स्वास्थ्य और हिरासत में इलाज की जानकारी मांग रहे थे। मुलाकात के बाद उजमा खानम ने दावा किया कि पीटीआई प्रमुख गंभीर मानसिक प्रताड़ना (Psychological Torture) झेल रहे हैं।
उजमा ने इमरान खान की शारीरिक स्थिति और उन परिस्थितियों को लेकर चिंता व्यक्त की, जिनमें उन्हें रखा गया है। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री कमजोर, भावनात्मक रूप से विचलित और अलग-थलग दिखाई दे रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि इमरान खान को मानसिक प्रताड़ना दी जा रही है और इसके लिए सीधे तौर पर पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर जिम्मेदार हैं। हालांकि, इन दावों पर सरकार या सेना की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
परिवार की मांगें और अटकलें
यह मुलाकात कथित तौर पर केवल 20 मिनट तक चली। पीटीआई नेताओं ने तब से अपनी मांगों को दोहराया है:
इससे पहले, अफगान मीडिया की अपुष्ट रिपोर्टों में उनकी हिरासत में मौत का दावा किया गया था, जिसके बाद इमरान खान की हालत को लेकर अफवाहें तेज हो गई थीं। उनके बेटे, कासिम खान ने एक्स पर यह नोट किया था कि इमरान खान को जेल गए 845 दिन हो चुके हैं, और कथित तौर पर उन्हें परिवार की पहुंच के बिना छह हफ्तों से मृत्यु कोठरी में रखा गया है, और उन्होंने सबूत मांगा था कि पूर्व प्रधानमंत्री जीवित हैं।
इमरान खान कई मामलों में अगस्त 2023 से जेल में हैं। एक महीने से ज़्यादा समय से, अधिकारियों ने मुलाकातों पर कड़े प्रतिबंध लगा रखे हैं, जिसके बारे में पीटीआई का दावा है कि इसे एक सैन्य अधिकारी के निर्देश पर लागू किया जा रहा है। पीटीआई ने कहा कि उजमा खानम को अपने भाई से मिलने की अनुमति देना केवल एक शुरुआती बिंदु था और अब अदालत के निर्देशों के अनुरूप नियमित, निर्बाध बैठकों की अनुमति दी जानी चाहिए।