प्रयागराज न्यूज डेस्क: प्रयागराज में गणेश विसर्जन का आयोजन इस साल एक खास पहल के साथ सम्पन्न हुआ। गणपति बप्पा मोरया के जयकारों के बीच जिला प्रशासन ने बाढ़ की स्थिति और भक्तों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस बार नदियों में सीधे विसर्जन की बजाय तालाबों में विसर्जन कराने का निर्णय लिया। इस कदम से न केवल जनसुरक्षा सुनिश्चित हुई, बल्कि गंगा और यमुना नदियों को प्रदूषण से बचाने का संदेश भी लोगों तक गया।
सरांय इनायत इलाके के एक बड़े तालाब में प्रशासन की देखरेख में गणेश प्रतिमाओं का विधिविधानपूर्वक विसर्जन किया गया। भक्तजन तालाब के किनारे तक प्रतिमाएं लेकर आए और मशीन की मदद से उन्हें तालाब के बीच ले जाकर जल में विसर्जित किया गया। इस प्रक्रिया ने श्रद्धालुओं की आस्था को कायम रखते हुए नदियों को प्रदूषण से बचाने का काम किया।
भक्ताओं ने इस आयोजन की सराहना की। खुशी मल्होत्रा ने बताया कि उन्होंने पूरे परिवार के साथ 10 दिन तक गणपति की सेवा की और अब बप्पा को विदा कर रहे हैं। वहीं रुचि सिंह ने कहा कि वे एक विशेष मनोकामना लेकर आई थीं और आयोजन का तरीका बहुत व्यवस्थित व सुंदर था, जिससे उन्हें आध्यात्मिक शांति भी मिली।
स्थानीय लोगों और प्रशासन के प्रयासों से यह विसर्जन सुरक्षित, स्वच्छ और व्यवस्थित तरीके से सम्पन्न हुआ। लोग मानते हैं कि इस तरह के आयोजन आने वाले वर्षों में भी नदियों को प्रदूषण से बचाने और परंपराओं को सुरक्षित रखने में मदद करेंगे।