प्रयागराज न्यूज डेस्क: प्रयागराज जिला न्यायालय परिसर में राष्ट्रवादी अधिवक्ताओं और हिंदू समाज के लोगों ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने ‘जय श्रीराम’ और ‘धर्म का अपमान नहीं सहेंगे’ जैसे नारे लगाते हुए स्टालिन का पुतला दहन किया और अपना आक्रोश व्यक्त किया। इस विरोध का नेतृत्व अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद के जिलाध्यक्ष आशीष त्रिपाठी ने किया।
प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि प्रभु श्रीराम के पुतले को जलाने की घटना ने हिंदू समाज की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। उनका कहना था कि इस मामले में अब तक कोई कार्रवाई न होना गंभीर चिंता का विषय है और इसे सीधे हिंदू समाज के अपमान और आस्था पर प्रहार बताया।
इस मौके पर अधिवक्ताओं और विभिन्न हिंदू संगठनों के प्रतिनिधियों ने जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में मांग की गई कि प्रभु श्रीराम का अपमान करने वाले और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के खिलाफ राष्ट्रद्रोह का मुकदमा दर्ज कर उन्हें सख्त सजा दी जाए। साथ ही चेतावनी दी गई कि यदि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई, तो हिंदू समाज देशभर में उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होगा।
प्रदर्शन में बड़ी संख्या में राष्ट्रवादी अधिवक्ता, विश्व हिंदू परिषद, अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद सहित अन्य हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता मौजूद रहे। प्रमुख रूप से प्रकाश द्विवेदी, कुश श्रीवास्तव, विनय कुमार गुप्ता, राम मणि शुक्ला, हिमांशु सिंह निक्की, सिद्धार्थ मिश्रा, आशीष मिश्रा, सुधीर तिवारी और सैकड़ों अन्य लोग इस विरोध प्रदर्शन में शामिल थे।