प्रयागराज न्यूज डेस्क: एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) की तरह प्रयागराज-चित्रकूट को विकसित करने की तैयारी तेज हो गई है। प्रस्तावित प्राधिकरण में प्रयागराज, चित्रकूट के साथ-साथ बांदा, हमीरपुर, कौशाम्बी और फतेहपुर जिले शामिल होंगे। शासन को इन जिलों का ब्योरा भेजा जा चुका है। प्राधिकरण के गठन की औपचारिक घोषणा के बाद इन छह जिलों में विकास का नक्शा तैयार किया जाएगा। प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने शासन के आदेश पर प्राधिकरण का मसौदा तैयार कर भेजा है और इसमें शामिल जिलों से सुझाव और आपत्तियां भी ली गई हैं। अब मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय कमेटी इस मसौदे का अध्ययन करेगी।
प्रयागराज विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ. अमित पाल शर्मा ने बताया कि पूर्व मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत की अध्यक्षता में प्राधिकरण अंतर्गत जिलों के जिलाधिकारियों की मीटिंग हुई थी। इसमें सुझाव और आपत्तियां लेने पर जोर दिया गया। उपाध्यक्ष के अनुसार शासन से आदेश मिलने के बाद प्राधिकरण संबंधी कार्य शुरू होगा। प्रस्तावित क्षेत्र 23,053 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है, जिसमें 27 तहसीलें शामिल हैं। इसका मुख्य उद्देश्य सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से इलाके को समृद्ध करना, पर्यटन, कृषि उद्योग और अन्य आर्थिक गतिविधियों के विकास को बढ़ावा देना है। इसके माध्यम से रोजगार सृजन, कनेक्टिविटी सुधार और सामाजिक विषमताओं को कम करने का प्रयास किया जाएगा।
पहले योजना वाराणसी-प्रयागराज प्राधिकरण बनाने की थी, जिसे शासन ने बदलकर प्रयागराज-चित्रकूट प्राधिकरण कर दिया।