प्रयागराज न्यूज डेस्क: जौनपुर और कानपुर में पोस्टमार्टम हाउस में गंभीर लापरवाही सामने आई है। गुरुवार को परिवारों को बिना पहचान कराए ही शव सौंप दिए गए, जिससे विवाद खड़ा हो गया। अवधेश कुमार, जो किराना दुकान चलाते थे, और रेलकर्मी जितेंद्र केसरवानी के शवों की अदला-बदली हो गई। इस गलती का पता चलने के बाद परिवारों ने हंगामा किया और पोस्टमार्टम हाउस के अधिकारियों में खलबली मच गई।
जांच में पता चला कि रेलकर्मी के परिवार वालों को दुकानदार अवधेश का शव दे दिया गया था। बाद में रास्ते से उन्हें वापस बुलाया गया और सही पहचान कराते हुए लाशें उनके वास्तविक परिवार को सौंप दी गईं। इस घटना ने पोस्टमार्टम हाउस में जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही को उजागर किया। मृतक अवधेश की मौत सड़क हादसे में हुई थी, जबकि रेलकर्मी जितेंद्र एक्सप्रेस ट्रेन की चपेट में आने से घायल होकर दम तोड़ चुके थे।
अवधेश के बेटे जितेंद्र ने आरोप लगाया कि पोस्टमार्टम से पहले कर्मचारियों ने आठ सौ रुपये लिए और बाद में लाश सील करते समय तीन सौ रुपये और लिए। कुल मिलाकर 1,100 रुपये की रकम वसूली गई। इस घटना ने परिवार वालों में गुस्सा और नाराजगी बढ़ा दी। सोशल मीडिया और स्थानीय लोगों में पोस्टमार्टम हाउस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे।
विशेषज्ञों और स्थानीय लोगों का कहना है कि यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी कई बार लाशों की अदला-बदली और कर्मचारियों की लापरवाही के मामले सामने आ चुके हैं। प्रशासन और संबंधित विभागों को इस तरह की गंभीर चूक पर तुरंत कार्रवाई करनी होगी ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके और परिवारों को मानसिक आघात से राहत मिल सके।