प्रयागराज न्यूज डेस्क: पुलिस जाली नोट छापने के मामले में मदरसा प्रबंधक की भूमिका पर शक जता रही है और गुरुवार को उससे लंबी पूछताछ की। पुलिस अधिकारियों ने पूछताछ के बारे में खुलासा नहीं किया है। नकली नोट छापने के लिए इस्तेमाल किए गए कमरे की जांच के दौरान वहां उर्दू में लिखी एक किताब भी मिली है।
डीसीपी सिटी दीपक भूकर के अनुसार, आरोपितों के खिलाफ जल्द ही एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) के तहत कार्रवाई की जाएगी। उनके बैंक खातों और संपत्तियों की भी जांच की जाएगी। बुधवार को जामिया हबीबिया मस्जिदे आजम मदरसा में जाली नोट छापने की फैक्ट्री का खुलासा हुआ था।
गिरोह के सरगना जाहिर खान उर्फ अब्दुल जाहिर (ओडिशा निवासी) और अन्य सदस्य मो. तफसीरुल आरफीन, मो. साहिद और मो. अफजल को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने एक लाख 30 हजार रुपये के जाली नोट, प्रिंटर और अन्य उपकरण बरामद किए। इस खुलासे के बाद गुरुवार सुबह इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) और स्थानीय इंटेलिजेंस टीम ने मदरसे का दौरा किया और छात्रों और आस-पास के निवासियों से पूछताछ की।
मदरसे में बिहार, झारखंड, ओडिशा और अन्य राज्यों के लगभग 70 बच्चे शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। पुलिस के अनुसार, मौलवी ने जाली नोट छापने के लिए मदरसे का एक कमरा दिया था, जहां कागज, स्याही और अन्य सामग्री लाई जाती थी और जाली नोट तैयार किए जाते थे।