प्रयागराज न्यूज डेस्क: मोहर्रम 2025 की सातवीं तारीख को अकीदत के साथ दुलदुल का जुलूस निकाला गया। यह जुलूस इमामबाड़ा सफदर अली बेग से निकल कर शहर के विभिन्न इलाकों से होता हुआ वापस वहीं पर समाप्त हुआ। राह में जगह-जगह अकीदतमंदों ने दूध और जलेबी खिलाकर श्रद्धा का इज़हार किया। महिलाएं गलियों में कटोरों में दूध-जलेबी लेकर कतारबद्ध खड़ी रहीं और जैसे ही दुलदुल गुजरा, उन्होंने भीगी आंखों से उसका इस्तेकबाल किया।
शहर के शाहगंज, पत्थर गली, मिन्हाजपुर, अहमदगंज, कोतवाली, बहादुरगंज, घंटाघर सहित कई इलाकों से यह जुलूस गुज़रा। लोकनाथ, गुड़ मंडी और चड्ढा रोड पर बड़ी संख्या में हिन्दू समुदाय के लोग भी शामिल हुए और नंगे पांव दुलदुल को मत्था टेकते नजर आए। जुलूस में अन्जुमन गुंचा-ए-अब्बासिया, अब्बासिया, हैदरिया, मज़लूमिया, आबिदया समेत कई संगठनों ने मातम किया।
वहीं कौशांबी जिले के करारी नगर पंचायत क्षेत्र में भी सात मोहर्रम के मौके पर शर्बत की सबील लगाई गई। हजरत कासिम की याद में राहगीरों को ठंडा शर्बत पिलाया गया। शर्बत पिलाते हुए युवाओं ने कर्बला में शहीद हुए लोगों की प्यास और कुर्बानी को याद किया। इस दौरान नजरे शहीदाने कर्बला रौशन करारवी ने कहा कि अगर हम सच में इमाम हुसैन और उनके साथियों की कुर्बानी को मानते हैं, तो हमें उनके रास्ते पर चलना होगा।
उन्होंने कहा कि कर्बला की शहादत का मकसद सिर्फ अल्लाह के दीन को बचाना ही नहीं, बल्कि इंसानियत को राह दिखाना भी था। झूठ, शराब, ज़मीन कब्जा और ज़ुल्म जैसे कामों से दूर रहना ही हुसैनी रास्ता है, क्योंकि यज़ीद इन्हीं बुराइयों का प्रतीक था। इस अवसर पर मुश्ताक हैदर, मीसम, मच्छन, शोएब, मोनू समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।