प्रयागराज न्यूज डेस्क: प्रयागराज मंडल भारतीय रेलवे को ग्रीन एनर्जी की राह पर आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रहा है। मंडल न सिर्फ यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देने में जुटा है, बल्कि रेलवे के 'नेट जीरो कार्बन एमिशन' लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में भी तेजी से काम कर रहा है। इसके लिए बिजली की खपत घटाने, ऊर्जा बचाने वाले उपकरणों के इस्तेमाल और सौर पैनलों जैसे विकल्पों को बढ़ावा दिया जा रहा है।
मार्च 2025 तक प्रयागराज मंडल में कुल 4700 किलोवाट क्षमता के सोलर पैनल लगाए जा चुके हैं। इनसे बीते वित्तीय वर्ष में 42.19 लाख यूनिट बिजली तैयार हुई, जिससे रेलवे को करीब 1.6 करोड़ रुपये की बचत हुई। प्रयागराज जंक्शन, नैनी, कानपुर सेंट्रल, टूंडला, मानिकपुर, इटावा, दादरी, फतेहपुर, मिर्जापुर, अलीगढ़, शिकोहाबाद जैसे प्रमुख स्टेशन सौर ऊर्जा के इस मिशन में शामिल हैं।
अलग-अलग इलाकों में भी अच्छे नतीजे सामने आए हैं। प्रयागराज क्षेत्र में 1906 किलोवाट के सोलर पैनल से 20.98 लाख यूनिट बिजली बनी और 65.55 लाख रुपये की बचत हुई। वहीं, कानपुर में 1200 किलोवाट के पैनल लगे हैं जिससे 48.28 लाख रुपये की बचत हुई। टूंडला क्षेत्र में 614 किलोवाट के पैनल से 4.79 लाख यूनिट बिजली बनी और अलीगढ़ क्षेत्र में 236 किलोवाट के पैनल से 8.01 लाख रुपये की बचत हुई।
इसके अलावा, मानिकपुर, नैनी, मिर्जापुर, इटावा जैसे कई अन्य स्टेशनों पर कुल 742 किलोवाट के सोलर पैनल लगे हैं जिनसे 14.77 लाख रुपये की बचत दर्ज हुई। प्रयागराज मंडल की इस पहल को देशभर में सराहा गया है। फरवरी 2025 में, कानपुर और अलीगढ़ के पांच रेलवे भवनों को ‘शून्य प्लस’ एनर्जी सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया।