प्रयागराज न्यूज डेस्क: उत्तर प्रदेश में यमुना और गंगा नदियों का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। सोमवार रात से मंगलवार सुबह तक यमुना का जल स्तर करीब डेढ़ मीटर बढ़ गया, जबकि गंगा भी पिछले 24 घंटे में लगभग एक मीटर उफान पर है। इसका कारण मध्य प्रदेश की केन नदी में आया भारी उफान और उत्तराखंड में लगातार बारिश को बताया जा रहा है। टोंस और बेलन जैसी सहायक नदियों के जल स्तर में भी इज़ाफा हुआ है, जिससे कछारी इलाकों में रह रहे लोग दहशत में हैं।
खास बात ये है कि केन नदी का पानी यमुना में बांदा के घूरागढ़ इलाके में मिलता है। सोमवार शाम तक जहां केन नदी से 71 हजार क्यूसेक पानी आ रहा था, वो मंगलवार सुबह तक बढ़कर 1 लाख 1 हजार क्यूसेक हो गया। इससे निचले इलाकों में जलभराव और संभावित बाढ़ को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। प्रशासन निगरानी में जुटा है, लेकिन लोग अपने स्तर पर पहले से सतर्कता बरत रहे हैं।
वहीं, प्रयागराज में महाकुंभ मेले के दौरान संगम क्षेत्र में लगाए गए बिजली के खंभे अब एक नई मुसीबत बनते जा रहे हैं। मेले के बाद इन्हें हटाया जाना शुरू तो किया गया, लेकिन तीन महीने बीत जाने के बाद भी सैकड़ों खंभे वहीं पर ज्यों के त्यों लगे हैं। जैसे-जैसे गंगा का जल स्तर बढ़ता जा रहा है, ये खंभे पानी में डूबते जा रहे हैं और कई तो टेढ़े होकर गिरने की कगार पर पहुंच गए हैं।
रामघाट के पास की स्थिति बेहद चिंताजनक है। बिजली के पोल गंगा में डूब चुके हैं और कुछ पोल तो ऐसे झुक चुके हैं कि अगर समय रहते इन्हें नहीं हटाया गया तो ये किसी बड़े हादसे का कारण बन सकते हैं। अगर जलस्तर और बढ़ता रहा तो कुछ पोल बह भी सकते हैं, और विभाग को इसका पता तक नहीं चलेगा। स्थानीय लोगों और विशेषज्ञों की मांग है कि जल्द से जल्द इन खंभों को हटाया जाए।