प्रयागराज न्यूज डेस्क: बांदा जिले में खाद की कमी ने किसानों को उग्र कर दिया। चार दिन से यूरिया की तलाश में समितियों के चक्कर काट रहे किसानों का सब्र मंगलवार को फट पड़ा। अतर्रा और नरैनी में किसानों ने रोड जाम कर नारेबाजी की, जिससे लगभग 45 मिनट तक यातायात बाधित रहा। किसानों का आरोप है कि समिति कर्मचारी चहेतों को प्राथमिकता देकर उन्हें खाद उपलब्ध करा रहे हैं, जबकि आम किसानों की अनदेखी हो रही है।
अतर्रा के बी पैक्स और क्रय-विक्रय केंद्र में शुक्रवार को यूरिया आई थी और टोकन बांटे गए थे। लेकिन मंगलवार को भी वितरण शुरू न होने पर किसानों ने हाईवे जाम कर दिया। जाम में स्कूली बसें, एंबुलेंस और अन्य वाहन फंसे रहे। प्रशिक्षु सीओ पीयूष पांडेय मौके पर पहुंचे और समझाने की कोशिश की, लेकिन किसान तब तक टस से मस नहीं हुए। बाद में किसानों को आश्वासन मिलने पर उन्होंने पैदल एसडीएम कार्यालय जाकर अपनी मांग रखी।
नरैनी में भी खाद नहीं मिलने पर किसान आक्रोशित हो गए। पनगरा साधन सहकारी समिति में चार दिन पहले यूरिया आई थी, लेकिन सचिव पवन तिवारी की लापरवाही के कारण वितरण नहीं हो पाया। नोटिस बोर्ड पर सचिव के लखनऊ में मीटिंग में शामिल होने की सूचना देख किसानों का गुस्सा और बढ़ गया।
जाम के दौरान नरैनी ग्राम न्यायालय में पदस्थ न्यायाधीश की गाड़ी फंस गई। कोतवाली पुलिस ने किसानों को हटाने के लिए लाठी भांजी, जिससे भीड़ तितर-बितर हुई और गाड़ी निकाली जा सकी। इसके बाद किसानों ने फिर से प्रदर्शन शुरू कर दिया। किसानों ने दो दिन में यूरिया उपलब्ध कराने की मांग की है और चेतावनी दी कि समय पर खाद नहीं मिली तो आमरण अनशन करेंगे।