प्रयागराज न्यूज डेस्क: रेलवे यात्रियों की सुरक्षा और ट्रेनों की रफ्तार को ध्यान में रखते हुए अब एनसीआर की लगभग 3,200 किलोमीटर लंबी रेल लाइन पर “कवच” यानी ऑटोमैटिक ट्रेन सिस्टम लगाया जा रहा है। इस आधुनिक तकनीक के जरिए ट्रेनों को न सिर्फ तेज़ बल्कि ज़्यादा सुरक्षित बनाया जाएगा। फिलहाल करीब 1,200 किलोमीटर रूट पर काम जारी है और सबसे पहले मथुरा-पलवल रूट पर यह सिस्टम अक्टूबर तक चालू कर दिया जाएगा। यह पहल ‘मिशन रफ्तार’ का अहम हिस्सा है, जिसका मकसद चुनिंदा रूटों पर ट्रेनों को 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से सुरक्षित रूप से दौड़ाना है।
कवच एक ऐसा सुरक्षा तंत्र है जो मानवीय त्रुटियों से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने में मदद करेगा। इस सिस्टम में रेल पटरी और ट्रेन दोनों पर खास तरह के सेंसर लगाए जाते हैं। ये सेंसर लगातार सिग्नल और डाटा एकत्र करते हैं। अगर ट्रेन ट्रैक से भटकने या किसी अन्य ट्रेन से टकराने की स्थिति में आती है, तो कवच तुरंत सक्रिय होकर ट्रेन को रोक देता है। यानी यह सिस्टम ट्रेन की गति और दिशा दोनों पर स्वचालित नियंत्रण रखता है।
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक कवच सिस्टम लागू होने से न सिर्फ सुरक्षा में इज़ाफा होगा, बल्कि ट्रेन संचालन की विश्वसनीयता और समयपालन भी बेहतर होगा। मथुरा-पलवल रूट पर इसके सभी परीक्षण, सर्टिफिकेशन और ट्रेनिंग पूरी कर ली गई है। ड्राइवरों और तकनीकी कर्मचारियों को इस नई तकनीक के संचालन के लिए प्रशिक्षित किया जा चुका है। यदि अक्टूबर तक सभी परीक्षण सफल रहते हैं, तो यह रूट कवच प्रणाली के तहत व्यावसायिक रूप से शुरू कर दिया जाएगा।
कवच सिस्टम के आने से टकराव, सिग्नल ब्रीच और ट्रैक से उतरने जैसी घटनाओं में बड़ी कमी आने की उम्मीद है। स्थानीय यात्रियों और कर्मचारियों ने भी इसे सुरक्षा के लिहाज से स्वागत योग्य कदम बताया है। रेलवे मंत्रालय इस सिस्टम को चरणबद्ध तरीके से अन्य रूटों पर भी लागू करने की तैयारी कर रहा है, ताकि पूरे नेटवर्क में तेज़ और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित की जा सके।