भारतीय केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने हाल ही में इंडिया टुडे टीवी को दिए एक विशेष साक्षात्कार में मध्य पूर्व में जारी इजरायल और ईरान के बीच के संघर्ष को लेकर आश्वस्त किया है कि भारत में तेल की आपूर्ति पूरी तरह से सुरक्षित है और ग्लोबल ऊर्जा बाजार की स्थिति प्रबंधनीय है।
मिडिल ईस्ट संघर्ष और तेल की आपूर्ति पर असर
13 जून से शुरू हुए इस संघर्ष में इजरायल और ईरान के बीच लगातार मिसाइल हमले हो रहे हैं, जिससे वैश्विक स्तर पर तेल की कीमतों को लेकर लोगों में चिंता उत्पन्न हुई है। ईरान द्वारा इजरायल पर अब तक 400 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें और हजारों ड्रोन हमले किए गए हैं। यह ऑपरेशन राइजिंग लायन के नाम से जाना जाता है, जिसका उद्देश्य ईरान की परमाणु और मिसाइल क्षमताओं को खत्म करना है।
इन हमलों के चलते वैश्विक बाजार में तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव देखे गए, लेकिन केंद्रीय मंत्री पुरी ने स्पष्ट किया कि भारत में तेल की कीमतें अभी भी नियंत्रण में हैं और घरेलू स्तर पर किसी कमी की आशंका नहीं है। उन्होंने कहा, "तेल की कीमतें वर्तमान में लगभग 76 रुपये प्रति लीटर हैं, जो खतरनाक रूप से ज्यादा नहीं है।"
कीमतों पर नियंत्रण और भारत की रणनीति
पुरी ने बताया कि जब संघर्ष शुरू हुआ था, तब बाजार में आशंका थी कि तेल की कीमतें 100 रुपये प्रति लीटर से ऊपर पहुंच सकती हैं। लेकिन वह आश्वस्त हैं कि ऐसा नहीं होगा क्योंकि वर्तमान में तेल की कीमतें लगभग 75 रुपये के दायरे में स्थिर हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले कुछ महीनों में वैश्विक उत्पादन लगभग 102 मिलियन बैरल प्रतिदिन था, और पश्चिमी देशों से बाजार में अतिरिक्त तेल की आपूर्ति बढ़ी है।
इसके अलावा, भारत के पास विविध स्रोतों से तेल की आपूर्ति है। पहले भारत 27 देशों से तेल खरीदता था, लेकिन अब यह संख्या बढ़कर 41 हो गई है। इससे भारत की आपूर्ति श्रृंखला अधिक मजबूत और विश्वसनीय हो गई है। पुरी ने बताया कि भारत अपनी जरूरतों के कुछ हिस्से को खुद उत्पादन के माध्यम से पूरा करता है और निर्यात भी करता है।
सुरक्षा और आपूर्ति मार्ग
पुरी ने कहा कि अभी तक इस संघर्ष में व्यापारिक जहाजों और तेल टैंकरों को निशाना नहीं बनाया गया है, जो एक सकारात्मक संकेत है। उन्होंने यह भी बताया कि जब हूथी समूह लाल सागर में जहाजों पर हमले कर रहा था, तब तेल आपूर्ति मार्गों पर खतरा बना था, लेकिन फिलहाल ऐसी कोई समस्या नहीं है।
उन्होंने समझाया कि वैश्विक ऊर्जा का करीब 20 से 22 प्रतिशत हिस्सा मध्य पूर्व के उस प्रमुख आपूर्ति मार्ग से होकर गुजरता है, जिससे भारत को भी तेल मिलता है। भारत रोजाना लगभग 5.5 मिलियन बैरल तेल की खपत करता है, जिसमें से लगभग डेढ़ मिलियन बैरल इसी मार्ग से आता है और बाकी कहीं और से।
भविष्य की तैयारियां
पुरी ने कहा कि सरकार स्थिति पर नजर रख रही है और अगर कोई आवश्यक कदम उठाना पड़ा तो वह समयबद्ध तरीके से उठाए जाएंगे। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है और भारत की ऊर्जा सुरक्षा मजबूत है।
निष्कर्ष
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी का यह साक्षात्कार देश के लिए एक भरोसेमंद संदेश है कि इजरायल-ईरान के बीच बढ़ते तनाव के बावजूद भारत में तेल की आपूर्ति सुरक्षित है और तेल की कीमतों में अचानक उछाल की संभावना कम है। उन्होंने वैश्विक बाजार की सतत निगरानी और भारत की विविध आपूर्ति श्रृंखला के बल पर आने वाले संकटों का सामना करने की क्षमता पर भरोसा जताया है।
इस वक्त भारत सरकार पूरी सावधानी और तत्परता के साथ स्थिति का प्रबंधन कर रही है ताकि देशवासियों को ऊर्जा की कोई कमी न हो और देश का आर्थिक विकास प्रभावित न हो। इस प्रकार यह स्पष्ट है कि मध्य पूर्व की अनिश्चितताओं के बीच भी भारत की ऊर्जा सुरक्षा मजबूत बनी हुई है।