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अमेरिका ने आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (The Resistance Front - TRF) को विदेशी और वैश्विक आतंकी संगठन घोषित कर दिया है। यह जानकारी अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने दी है। इस फैसले को लेकर भारत ने भी अमेरिका का स्वागत किया है और इसे भारत-अमेरिका के बीच बढ़ते हुए रणनीतिक और सुरक्षा संबंधों का महत्वपूर्ण संकेत माना है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह कदम आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय संघर्ष को मजबूत करेगा और दोनों देशों के बीच सहयोग को और गहरा करेगा।
भारत का रुख और अमेरिका का फैसला
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि अमेरिका का यह निर्णय आतंकवाद के खिलाफ भारत की प्रतिबद्धता का समर्थन करता है। भारत लंबे समय से द रेजिस्टेंस फ्रंट को लश्कर-ए-तैयबा की एक शाखा मानता रहा है, जो जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देती रही है। भारत ने TRF को कई आतंकी हमलों के पीछे जिम्मेदार बताया है, जिनमें खासतौर पर 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में टूरिस्टों पर हुए भयावह आतंकी हमले का जिक्र शामिल है। इस हमले में कई निर्दोष लोगों की जान गई थी।
पाकिस्तान की नापाक सच्चाई का खुलासा
इस बीच पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें वे खुलकर द रेजिस्टेंस फ्रंट की तारीफ करते नजर आ रहे हैं। वीडियो में इशाक डार कहते हैं कि 2019 में जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक बदलाव के बाद इस संगठन का जन्म हुआ और इसे उन्होंने एक तरह से जायज ठहराने की कोशिश की। उन्होंने यह भी बताया कि जब पहलगाम में हमला हुआ था, तब संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने उस हमले की आलोचना की थी और द रेजिस्टेंस फ्रंट का नाम भी उस बयान में था। इसके बाद उन्होंने अपने देश के यूएन दूतावास को फोन कर इस संगठन के खिलाफ बयान देने से मना किया था।
द रेजिस्टेंस फ्रंट का आतंकी गतिविधियों में संलिप्त होना
भारत और कई अन्य अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां द रेजिस्टेंस फ्रंट को लश्कर-ए-तैयबा की नकली शाखा मानती हैं, जो सीधे तौर पर पाकिस्तान के प्रायोजित आतंकवादी नेटवर्क से जुड़ी हुई है। इस संगठन ने पहलगाम आतंकी हमले की जिम्मेदारी भी ली थी, जिससे पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव और बढ़ गया था। बाद में TRF ने हमले से दूरी बनानी चाही, लेकिन भारत और अन्य देशों के खुफिया एजेंसियों ने उनके आतंकवादी कृत्यों को उजागर कर दिया।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ कड़ा कदम
अमेरिका का यह कदम आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में एक महत्वपूर्ण पड़ाव माना जा रहा है। विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि द रेजिस्टेंस फ्रंट के खिलाफ यह कार्रवाई अमेरिका की आतंकवाद के खिलाफ नीति का हिस्सा है। इसके तहत TRF के सभी संसाधनों को जब्त किया जाएगा और इसके सदस्यों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस फैसले से आतंकवादी संगठनों को वित्तीय और राजनीतिक समर्थन देने वालों पर भी कड़ा प्रभाव पड़ेगा।
आगे का रास्ता
भारत और अमेरिका दोनों देश आतंकवाद के खिलाफ साझा लक्ष्यों को लेकर काम कर रहे हैं। द रेजिस्टेंस फ्रंट को आतंकी घोषित करने के बाद दोनों देशों के बीच सुरक्षा सहयोग और खुफिया आदान-प्रदान को और बढ़ावा मिलेगा। साथ ही यह निर्णय पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश देता है कि वह आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले संगठनों का संरक्षण नहीं कर सकता।
निष्कर्ष
अमेरिका का द रेजिस्टेंस फ्रंट को आतंकी संगठन घोषित करना एक बड़ा कदम है जो आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय एकजुटता को दर्शाता है। भारत ने इस फैसले का स्वागत किया है और इसे दोनों देशों के बीच मजबूत होते रिश्तों का प्रतीक बताया है। वहीं, पाकिस्तान के विदेश मंत्री द्वारा इस संगठन की खुलेआम तारीफ करना उसकी आतंकवाद के प्रति दोहरी नीति को उजागर करता है। भविष्य में इस मुद्दे पर भारत-अमेरिका की साझेदारी और भी प्रभावशाली होगी ताकि आतंकवाद को जड़ से खत्म किया जा सके।