भारत की सबसे लोकप्रिय खेल संस्था और दुनिया की सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में रिकॉर्डतोड़ कमाई करते हुए नया इतिहास रच दिया है। इस दौरान बीसीसीआई ने कुल ₹9,741.7 करोड़ का राजस्व अर्जित किया, जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। इस कमाई में सबसे बड़ा योगदान इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) का रहा, जिससे बोर्ड ने कुल आय का करीब 59% हिस्सा प्राप्त किया।
आईपीएल से हुआ सबसे बड़ा मुनाफा
रेडिफ्यूजन की रिपोर्ट के अनुसार, बीसीसीआई ने केवल IPL से ₹5,761 करोड़ की कमाई की। साल 2008 में आईपीएल की शुरुआत हुई थी और तब से यह टूर्नामेंट न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में लोकप्रिय होता गया। आज यह दुनिया का सबसे महंगा और सबसे अधिक देखे जाने वाला क्रिकेट टूर्नामेंट बन चुका है।
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IPL के मीडिया अधिकारों की बोली हर सीजन में आसमान छूती है।
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कई बड़ी मीडिया कंपनियां इसके लाइव टेलीकास्ट राइट्स के लिए प्रतिस्पर्धा करती हैं।
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IPL में शामिल अंतरराष्ट्रीय सितारे इसे और भी ज्यादा आकर्षक बनाते हैं।
यह कहना गलत नहीं होगा कि IPL ने भारतीय क्रिकेट की आर्थिक रीढ़ को बेहद मजबूत कर दिया है।
गैर-IPL मीडिया राइट्स और अन्य आय
जहां IPL ने सबसे बड़ा योगदान दिया, वहीं बीसीसीआई ने अन्य स्रोतों से भी कमाई में कोई कसर नहीं छोड़ी। बोर्ड ने गैर-IPL मीडिया अधिकारों से ₹361 करोड़ रुपये की आय अर्जित की।
इसके अलावा घरेलू क्रिकेट जैसे:
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रणजी ट्रॉफी
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विजय हजारे ट्रॉफी
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सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी
इनसे भी बीसीसीआई को नियमित रूप से राजस्व प्राप्त होता है। इन टूर्नामेंट्स के माध्यम से न केवल प्रतिभा उभरती है, बल्कि विज्ञापन, टिकट बिक्री और मीडिया कवरेज से भी आय होती है।
महिला प्रीमियर लीग भी बना कमाई का जरिया
2023 में शुरू हुई महिला प्रीमियर लीग (WPL) ने भी बीसीसीआई को एक नया कमाई का रास्ता दिखाया है। महिला क्रिकेट की लोकप्रियता दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है और इसी के साथ WPL के ब्रॉडकास्ट और स्पॉन्सरशिप डील्स भी बीसीसीआई को फायदा पहुँचा रहे हैं।
30 हजार करोड़ का रिजर्व फंड और 1,000 करोड़ का ब्याज
बीसीसीआई सिर्फ मौजूदा कमाई पर निर्भर नहीं है, बल्कि उसके पास ₹30,000 करोड़ का आरक्षित कोष भी है। इस भारी भरकम फंड से बोर्ड को हर साल लगभग ₹1,000 करोड़ रुपये केवल ब्याज के रूप में मिलते हैं।
रेडिफ्यूजन के प्रमुख संदीप गोयल का मानना है कि बीसीसीआई की मीडिया डील्स और मैच-डे रेवेन्यू की बदौलत हर साल इसमें 10-12% की वृद्धि देखने को मिल सकती है।
ICC भी है BCCI पर निर्भर
बीसीसीआई की आर्थिक ताकत सिर्फ भारत तक सीमित नहीं है। इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) की भी एक बड़ी आय BCCI से ही आती है। ICC के राजस्व का बड़ा हिस्सा भारत में होने वाले टूर्नामेंट, स्पॉन्सरशिप और प्रसारण अधिकारों से आता है। यह भारत में क्रिकेट की लोकप्रियता और बीसीसीआई की बाजार पकड़ को दर्शाता है।
बीसीसीआई की सफलता के कारण
BCCI की आर्थिक सफलता के पीछे कई कारण हैं:
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IPL का वाणिज्यिक मॉडल – फैंस, ब्रॉडकास्टर्स और स्पॉन्सर्स की तिकड़ी
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ब्रॉडकास्ट राइट्स की स्मार्ट नीलामी – सबसे ऊंची बोली लगाने वाले को राइट्स
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घरेलू क्रिकेट का व्यवस्थित ढांचा – हर स्तर पर मैच और स्पॉन्सरशिप
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रिजर्व फंड का कुशल उपयोग – निवेश से स्थिर आय
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महिला क्रिकेट में निवेश – भविष्य की कमाई के लिए स्मार्ट प्लानिंग
निष्कर्ष
बीसीसीआई ने 2023-24 में जो राजस्व कमाया है, वह सिर्फ एक आंकड़ा नहीं है, बल्कि यह इस बात का सबूत है कि भारतीय क्रिकेट अब सिर्फ खेल नहीं, बल्कि एक विकसित इंडस्ट्री बन चुकी है। IPL की सफलता, घरेलू टूर्नामेंट्स की निरंतरता, महिला क्रिकेट का उभार और मजबूत निवेश नीति ने बीसीसीआई को दुनिया का सबसे समृद्ध क्रिकेट बोर्ड बना दिया है।
जहां दूसरे देशों के क्रिकेट बोर्ड बजट संकट से जूझते हैं, वहीं बीसीसीआई स्मार्ट रणनीति और दीर्घकालिक विजन के साथ क्रिकेट को व्यावसायिक और भावनात्मक रूप से मजबूत बना रही है।