मुंबई, 28 अक्टूबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। पाकिस्तान ने बांग्लादेश को अपने कराची पोर्ट का इस्तेमाल करने का प्रस्ताव दिया है। यह पेशकश सोमवार को ढाका में आयोजित पाकिस्तान-बांग्लादेश जॉइंट इकोनॉमिक कमीशन (JEC) की 9वीं बैठक के दौरान की गई, जो करीब दो दशकों बाद हुई। पाकिस्तान का कहना है कि अगर बांग्लादेश कराची पोर्ट का इस्तेमाल करता है तो उसे चीन, खाड़ी देशों और मध्य एशिया के बाजारों तक पहुंच आसान हो जाएगी। यह पेशकश ऐसे समय में आई है जब भारत ने 8 अप्रैल 2025 को बांग्लादेश को तीसरे देश के लिए भारत की जमीन से सामान गुजारने की अनुमति रद्द कर दी थी। इस फैसले के बाद बांग्लादेशी माल अब भारत के लैंड कस्टम स्टेशनों के जरिए भारत के बंदरगाहों या एयरपोर्ट से अन्य देशों तक नहीं जा सकता।
बैठक के दौरान पाकिस्तान ने बांग्लादेश से जूट खरीदने में रुचि दिखाई। फिलहाल भारत बांग्लादेश का सबसे बड़ा जूट आयातक है, जिसने 2023 में करीब 95 मिलियन डॉलर का जूट खरीदा था। हालांकि अगस्त 2024 में भारत ने बांग्लादेशी जूट उत्पादों पर बंदरगाहों से आयात रोक दिया था, यह कहते हुए कि बांग्लादेश की सब्सिडी से भारतीय उद्योगों को नुकसान हो रहा है। इस निर्णय के बाद जुलाई 2025 तक बांग्लादेश के जूट निर्यात की कमाई 12.9 मिलियन डॉलर से घटकर 3.4 मिलियन डॉलर रह गई। इसके जवाब में बांग्लादेश ने भारत से यार्न आयात बंद कर दिया और कई लैंड पोर्ट्स पर व्यापार रोक दिया। इन परिस्थितियों में पाकिस्तान ने बांग्लादेश से कहा कि वह अपने जूट उत्पादों के निर्यात के लिए कराची बंदरगाह का उपयोग कर सकता है। इसके अलावा पाकिस्तान ने बांग्लादेशी कारोबारियों के लिए 500 स्कॉलरशिप और तकनीकी प्रशिक्षण सीटें देने की घोषणा की है। दोनों देशों ने इन प्रस्तावों पर आगे काम करने के लिए एक संयुक्त कार्य समूह बनाने का निर्णय लिया।
विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान का यह कदम दक्षिण एशिया में बदलते कूटनीतिक और आर्थिक समीकरणों को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। भारत-बांग्लादेश के बीच हाल ही में कुछ व्यापारिक मतभेद उभरे हैं, और पाकिस्तान इन हालातों को अपने पक्ष में एक नए अवसर के रूप में देख रहा है। हालांकि विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि कराची पोर्ट तक बांग्लादेश का समुद्री मार्ग लंबा और महंगा है, इसलिए इस प्रस्ताव को व्यावहारिक रूप देना आसान नहीं होगा।