बांग्लादेश की राजनीति के एक युग का अंत हो गया है। देश की पूर्व प्रधानमंत्री और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) की अध्यक्ष बेगम खालिदा जिया का मंगलवार, 30 दिसंबर 2025 की सुबह 80 वर्ष की आयु में निधन हो गया। ढाका के एवरकेयर अस्पताल में लंबे समय से उपचाराधीन खालिदा जिया ने सुबह 6 बजे अंतिम सांस ली।
पार्टी के आधिकारिक फेसबुक पेज के माध्यम से इस दुखद खबर की पुष्टि की गई। पोस्ट में बताया गया कि फजर की नमाज के ठीक बाद उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया।
स्वास्थ्य संघर्ष: कई बीमारियों से जूझ रही थीं
खालिदा जिया पिछले काफी समय से गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रही थीं। डॉक्टरों के अनुसार, उनके निधन का मुख्य कारण अंगों की विफलता (Multi-organ failure) रहा।
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प्रमुख बीमारियां: वे लीवर सिरोसिस, गंभीर गठिया (Arthritis), अनियंत्रित डायबिटीज और हृदय संबंधी रोगों से पीड़ित थीं।
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अंतिम समय: उन्हें 23 नवंबर को फेफड़ों में संक्रमण और निमोनिया के कारण अस्पताल भर्ती कराया गया था। स्थिति बिगड़ने पर उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर भी रखा गया था। पिछले 36 दिनों से उनकी हालत बेहद नाजुक बनी हुई थी।
राजनीतिक सफर: गृहणी से देश की 'प्रथम महिला पीएम' तक
15 अगस्त 1945 को जन्मी खालिदा जिया का जीवन संघर्षों और उपलब्धियों से भरा रहा। उनका राजनीतिक उदय आकस्मिक लेकिन बेहद प्रभावशाली था।
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राजनीति में प्रवेश: वे बांग्लादेश के पूर्व राष्ट्रपति और सेना प्रमुख जियाउर रहमान की पत्नी थीं। 1981 में पति की हत्या के बाद, उन्होंने पार्टी की कमान संभाली और देश की राजनीति में सक्रिय हुईं।
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ऐतिहासिक कार्यकाल: 1991 में वे बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री चुनी गईं। उन्होंने दो बार (1991-1996 और 2001-2006) देश का नेतृत्व किया।
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लोकतंत्र की बहाली: उनके कार्यकाल को देश में संसदीय प्रणाली की बहाली और शिक्षा के क्षेत्र में सुधारों (विशेषकर लड़कियों की शिक्षा) के लिए याद किया जाता है।
बेटे तारिक रहमान की वापसी और भावुक क्षण
खालिदा जिया का निधन एक ऐसे भावुक मोड़ पर हुआ जब उनके बड़े बेटे और BNP के कार्यकारी अध्यक्ष तारिक रहमान 17 साल के लंबे निर्वासन के बाद लंदन से बांग्लादेश लौटे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, तारिक ने अस्पताल जाकर अपनी मां से मुलाकात की थी। तारिक की वापसी से पार्टी कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार हुआ है, लेकिन मां के साये का उठ जाना उनके लिए एक बड़ी व्यक्तिगत और राजनीतिक क्षति है।
विवाद और जेल का दौर
खालिदा जिया का राजनीतिक जीवन विवादों से भी अछूता नहीं रहा। 2018 में उन्हें भ्रष्टाचार के मामलों में जेल की सजा सुनाई गई थी। हालांकि, उनके समर्थकों ने इसे हमेशा 'राजनीतिक प्रतिशोध' करार दिया। बाद में स्वास्थ्य कारणों से उन्हें रिहा कर दिया गया था, लेकिन वे लंबे समय तक अपने घर में नजरबंद जैसी स्थिति में रहीं। जनवरी 2025 में कोर्ट से मिली बड़ी राहत के बाद वे चुनावी सक्रियता की तैयारी में थीं, लेकिन स्वास्थ्य ने उनका साथ नहीं दिया।
निष्कर्ष: बेगम खालिदा जिया केवल एक नेता नहीं, बल्कि बांग्लादेश की लाखों महिलाओं के लिए प्रेरणा और पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए 'मदर ऑफ डेमोक्रेसी' थीं। उनके निधन पर पूरे बांग्लादेश में शोक की लहर है।