जयश्री उल्लाल अरिस्टा नेटवर्क्स (Arista Networks) की CEO और चेयरपर्सन हैं। जहाँ सुंदर पिचाई की कुल संपत्ति लगभग ₹5,810 करोड़ और सत्या नडेला की ₹9,770 करोड़ के करीब है, वहीं जयश्री उल्लाल की नेटवर्थ इन दोनों की संयुक्त संपत्ति से भी कई गुना अधिक है। उनकी यह दौलत किसी विरासत से नहीं, बल्कि दशकों की मेहनत और कंपनी में उनकी हिस्सेदारी (लगभग 3%) से आई है।
1. शुरुआती जीवन और भारतीय जड़ें
जयश्री का जन्म 1961 में लंदन में हुआ था, लेकिन उनका पालन-पोषण और शुरुआती शिक्षा नई दिल्ली में हुई। दिल्ली के कॉन्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी से स्कूली पढ़ाई करने के बाद, वह उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका चली गईं। उन्होंने सैन फ्रांसिस्को स्टेट यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की और सांता क्लारा यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग मैनेजमेंट में मास्टर्स किया। उनकी यह तकनीकी पृष्ठभूमि ही बाद में उनकी सफलता का आधार बनी।
2. करियर की उड़ान: सिस्को से अरिस्टा तक
जयश्री ने अपने करियर की शुरुआत AMD और फेयरचाइल्ड सेमीकंडक्टर जैसी कंपनियों से की। उनके करियर में बड़ा मोड़ तब आया जब वह सिस्को सिस्टम्स (Cisco) में शामिल हुईं। सिस्को में उन्होंने 15 साल बिताए और कंपनी के स्विचिंग बिजनेस को शून्य से $5 बिलियन के विशाल साम्राज्य में बदल दिया।
2008 में, उन्होंने 'अरिस्टा नेटवर्क्स' की कमान संभाली। उस समय यह एक स्टार्टअप था, लेकिन जयश्री के नेतृत्व में अरिस्टा ने सीधे सिस्को जैसी दिग्गज कंपनी को टक्कर देनी शुरू कर दी। आज अरिस्टा क्लाउड नेटवर्किंग और डेटा सेंटर टेक्नोलॉजी में दुनिया की अग्रणी कंपनियों में से एक है।
3. दौलत का गणित: क्यों हैं वे इतनी अमीर?
जयश्री उल्लाल और अन्य CEO के बीच सबसे बड़ा अंतर इक्विटी (शेयर) का है।
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अरिस्टा की ग्रोथ: 2024-25 में अरिस्टा नेटवर्क्स का रेवेन्यू $7 बिलियन को पार कर गया, जो 20% की वार्षिक वृद्धि दर्शाता है।
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शेयर होल्डिंग: जयश्री के पास कंपनी के लगभग 3% शेयर हैं। जैसे-जैसे न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज पर अरिस्टा के शेयरों की कीमत बढ़ी, जयश्री की संपत्ति में भी उछाल आया।
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प्रभाव: उन्हें 'बैरन्स' ने दुनिया के सबसे प्रभावशाली CEO की सूची में शामिल किया है और 'फोर्ब्स' ने उन्हें अमेरिका की सबसे अमीर सेल्फ-मेड महिलाओं में जगह दी है।
4. महिला नेतृत्व के लिए मिसाल
जयश्री उल्लाल की कहानी केवल पैसों के बारे में नहीं है, बल्कि यह इस बात का प्रमाण है कि एक भारतीय महिला तकनीकी विशेषज्ञ (Engineer) दुनिया की सबसे प्रतिस्पर्धी इंडस्ट्री में टॉप पर पहुंच सकती है। उन्होंने दिखाया है कि 'प्रोफेशनल मैनेजर' केवल वेतन पर निर्भर नहीं रहते, बल्कि वे अपनी दूरदर्शिता से कंपनी के साथ-साथ खुद के लिए भी अपार वेल्थ क्रिएट कर सकते हैं।
निष्कर्ष: सत्या नडेला और सुंदर पिचाई बेशक दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों को चला रहे हैं, लेकिन जयश्री उल्लाल ने एक नई लकीर खींच दी है। वह आज के युवाओं, खासकर युवा महिला इंजीनियरों के लिए एक ग्लोबल आइकन बन चुकी हैं।