22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान गई, ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को चरम पर पहुंचा दिया है। भारत इस हमले को आतंक की खुली चुनौती मानते हुए अब कड़ा रुख अपनाए हुए है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना के तीनों अंगों—थल, जल और वायु सेना को "फ्री हैंड" दे दिया है। यानी अब आतंक के खिलाफ कार्रवाई का समय, तरीका और रणनीति भारतीय सेनाएं खुद तय करेंगी।
भारत की इस आक्रामक रणनीति से पाकिस्तान घबरा गया है। एक ओर जहां भारत की तरफ से लगातार सख्त फैसले लिए जा रहे हैं, वहीं पाकिस्तान गीदड़ भभकियों और दिखावे की सैन्य गतिविधियों में लगा हुआ है। पाकिस्तानी नेतृत्व भारत को युद्ध की धमकियां देने से भी पीछे नहीं हट रहा, लेकिन उसकी आर्थिक और सैन्य स्थिति इस तरह के युद्ध के लिए पर्याप्त नहीं मानी जा रही।
भारत-पाकिस्तान नौसेनाएं आमने-सामने
भारत और पाकिस्तान के बीच का तनाव अब समुद्र के भीतर भी दिखने लगा है। दोनों देशों की नौसेनाएं इस समय अरब सागर में एक-दूसरे के सामने युद्धाभ्यास कर रही हैं।
भारतीय नौसेना ने 30 अप्रैल से गुजरात तट के पास INS विक्रांत की अगुवाई में नेवल ड्रिल फायरिंग शुरू की है, जो 3 मई तक चलेगी। इस अभ्यास में भारत के शक्तिशाली युद्धपोत, विध्वंसक और पनडुब्बियां शामिल हैं।
वहीं, पाकिस्तान की नौसेना ने भी कराची से महज 85 किलोमीटर की दूरी पर अपने समुद्री क्षेत्र में 30 अप्रैल से 2 मई तक नेवल फायरिंग ड्रिल शुरू की है। इन अभ्यासों के नाम पर दोनों देशों की नौसेनाएं वास्तव में एक-दूसरे की तैयारियों को परख रही हैं। युद्ध जैसे हालात में यह अभ्यास दोनों पक्षों के लिए रणनीतिक प्रदर्शन बन चुका है।
पाकिस्तान की वायुसेना भी एक्टिव
भारत के आक्रामक रुख को देखते हुए पाकिस्तान की वायुसेना ने भी अपना एयरस्पेस बंद कर दिया है और उसने अपने एयरबेस से लगातार अभ्यास शुरू कर दिए हैं। दूसरी ओर, भारत ने पाकिस्तान के लिए अपना एयरस्पेस 23 मई तक बंद कर दिया है। इससे न सिर्फ वायु-यात्रा बाधित हुई है, बल्कि पाकिस्तान की व्यापारिक और सामरिक गतिविधियों पर भी असर पड़ा है।
भारत की नौसेना बनाम पाकिस्तान की नौसेना
भारत और पाकिस्तान की नौसैनिक शक्ति में भारी अंतर है।
भारत की नौसेना:
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कुल 293 युद्धपोत
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दो विमानवाहक पोत: INS विक्रमादित्य और INS विक्रांत
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13 विध्वंसक जहाज, 18 पनडुब्बियां
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आधुनिक मिसाइल तकनीक और परमाणु पनडुब्बियों से लैस
पाकिस्तान की नौसेना:
इस तुलना से साफ है कि अगर अरब सागर में कोई टकराव हुआ, तो भारत की नौसेना तकनीकी और सामरिक रूप से कहीं अधिक सक्षम है। INS विक्रांत और विक्रमादित्य जैसे आधुनिक युद्धपोत भारत को समुद्री ताकत का श्रेष्ठ राष्ट्र बनाते हैं।
पाकिस्तान की कमजोरियों पर भारत की नजर
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था भारी कर्ज और वित्तीय संकट से जूझ रही है। IMF से बेलआउट पैकेज लेने के बाद भी उसकी सेना लंबे युद्ध का सामना नहीं कर सकती। भारत के सामरिक विश्लेषकों का मानना है कि पाकिस्तान की युद्ध की धमकियां सिर्फ "आंतरिक असंतोष को शांत" करने का माध्यम हैं, जबकि असल में पाकिस्तान कूटनीतिक रूप से अलग-थलग पड़ रहा है।
भारत की नीति अब स्पष्ट है—"बातचीत आतंक और खून के बीच नहीं हो सकती।" भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर लगातार पाकिस्तान को आतंक का पनाहगार बताकर उसका चेहरा उजागर किया है।
निष्कर्ष
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत अब सिर्फ मौखिक निंदा तक सीमित नहीं है। भारत की सैन्य गतिविधियां और फैसले यह स्पष्ट कर रहे हैं कि अब आतंक के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई का समय आ गया है। समुद्र, वायु और भूमि—तीनों मोर्चों पर भारत ने अपनी रणनीतिक स्थिति मजबूत कर ली है।
पाकिस्तान की सेना और उसकी खुफिया एजेंसी ISI बौखलाहट में हैं। भारत का हर कदम पाकिस्तान को रणनीतिक और मनोवैज्ञानिक दबाव में डाल रहा है।
अब देखना यह है कि क्या यह तनाव सीमित संघर्ष में बदलेगा या राजनयिक दबाव के जरिए कोई समाधान निकलेगा। लेकिन इतना तय है कि भारत अब पहलगाम जैसे हमले बर्दाश्त नहीं करेगा।