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1 गेंद के खिलाफ 30 बार जंग हार चुके है जायसवाल, कैसे हो रहा है सस्ते में शिकार, विशाखापट्टनम में यशस्वी पर लटेगी 2 तलवार

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Posted On:Friday, December 5, 2025

टेस्ट सीरीज गंवाने के बाद, अब भारतीय क्रिकेट टीम पर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वनडे सीरीज हारने का खतरा भी मंडरा रहा है। तीन मैचों की श्रृंखला 1-1 की बराबरी पर खड़ी है, और निर्णायक मुकाबले में टीम प्रबंधन अपने हर खिलाड़ी से बड़ा योगदान चाहती है। इस दबाव का एक बड़ा हिस्सा टीम के युवा ओपनर यशस्वी जायसवाल पर है, जिनका प्रदर्शन इस वनडे श्रृंखला में अभी तक उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा है।

दक्षिण अफ्रीका टेस्ट श्रृंखला जीतने के बाद अब वनडे श्रृंखला जीतने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा। ऐसे में भारतीय टीम को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की आवश्यकता है। पिछले मैच में रुतुराज गायकवाड़ ने अपना पहला वनडे शतक लगाकर बेहतरीन सहयोग दिया, लेकिन सलामी बल्लेबाज के रूप में यशस्वी जायसवाल को अभी भी इस श्रृंखला में अपनी प्रतिभा का भरपूर प्रदर्शन करना बाकी है। यह प्रतिभाशाली युवा खिलाड़ी अच्छी शुरुआत को बड़े स्कोर में बदलने के लिए उत्सुक होगा।

बाएं हाथ के तेज गेंदबाजों के सामने संघर्ष

यशस्वी जायसवाल के लिए यह बात अब स्पष्ट हो चुकी है कि उन्हें बाएँ हाथ के तेज गेंदबाजों के खिलाफ जूझना पड़ रहा है, चाहे वह वेस्टइंडीज के जेडन सील्स रहे हों या इस श्रृंखला में दक्षिण अफ्रीका के मार्को यानसन और नांद्रे बर्गर।

  • जायसवाल अपने करियर में अब तक 30 बार बाएँ हाथ के गेंदबाजों का शिकार बन चुके हैं।

इसका सीधा मतलब है कि विशाखापत्तनम में एक बार फिर यानसन और बर्गर उनके लिए बड़ा खतरा साबित हो सकते हैं। जायसवाल और टीम प्रबंधन इस पहलू से अनजान नहीं रह सकते हैं, और इसमें सुधार करने का काम शायद पहले ही शुरू हो चुका होगा। लेकिन अगर वह जल्द ही इस कमजोरी को दूर नहीं कर पाए तो टीम को अन्य सलामी बल्लेबाजों पर विचार करने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है, क्योंकि टीम के पास रुतुराज गायकवाड़ के रूप में एक सक्षम सलामी बल्लेबाज मौजूद है।

पिच बढ़ाएगी आत्मविश्वास

एसीए-वीडीसीए स्टेडियम की पिचें अक्सर बल्लेबाजों के अनुकूल होती हैं। यह बात यशस्वी जायसवाल के फॉर्म को वापस लाने में मदद कर सकती है। भारतीय टीम के लिए भी यह मैदान भाग्यशाली रहा है। भारत ने यहाँ 2005 से 10 एकदिवसीय मैचों में से सात में जीत हासिल की है। हालांकि, यहाँ खेले गए पिछले मैच में उसे ऑस्ट्रेलिया से हार का सामना करना पड़ा था।

इस श्रृंखला में ओस (Dew) के कारण टॉस की भूमिका भी महत्वपूर्ण हो गई है, जिसका खामियाजा भारत को रायपुर में दूसरे वनडे में भुगतना पड़ा था। (भारत पिछले 20 वनडे मैच से टॉस नहीं जीत पाया है।)

बदलते टीम संयोजन के तहत, भारत वाशिंगटन सुंदर को विश्राम देकर उनकी जगह तिलक वर्मा को मध्यक्रम को मजबूती देने के लिए अंतिम एकादश में शामिल करने पर भी गंभीरता से विचार करेगा। तिलक की स्पिन गेंदबाजी क्षमता और बेहतरीन क्षेत्ररक्षण उन्हें ऋषभ पंत से बेहतर विकल्प बनाते हैं। हालांकि, इन बदलावों के बीच, टीम की सफलता बहुत हद तक यशस्वी जायसवाल जैसे प्रमुख खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर निर्भर करेगी।


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