प्रयागराज न्यूज डेस्क: प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर लगातार घटने लगा है, जिससे बाढ़ की मार से राहत मिली है, लेकिन अब गंदगी और कीचड़ की समस्या लोगों के लिए नया संकट बन गई है। संगम क्षेत्र के दारागंज, नागवासुकी और आसपास के मोहल्लों में गलियों में जमा गंदगी और कीचड़ से लोगों का आना-जाना मुश्किल हो गया है। स्थानीय निवासी संक्रमण और बीमारियों के डर से परेशान हैं, जबकि मच्छरों की बढ़ती संख्या डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ा रही है।
स्थानीय निवासी लवकुश तिवारी ने बताया कि जलस्तर घटने से राहत मिली है, लेकिन अब कीचड़ और गंदगी ने जीवन कठिन कर दिया है। प्रीतम मिश्रा ने कहा कि प्रशासन की ओर से अभी तक कोई ठोस व्यवस्था नहीं दिख रही, जिससे आम लोगों की परेशानी और बढ़ गई है।
हालांकि, नगर निगम की टीम प्रभावित इलाकों में सफाई अभियान चला रही है और स्वास्थ्य विभाग द्वारा एंटी-लार्वा स्प्रे एवं फॉगिंग कराई जा रही है, ताकि मच्छरों के प्रकोप को रोका जा सके और लोगों को बीमारियों से बचाया जा सके।
जलस्तर में कमी का क्रम लगातार जारी है। बीते 24 घंटों में फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 82 सेंटीमीटर, छतनाग में 76 सेंटीमीटर और नैनी में यमुना का जलस्तर 70 सेंटीमीटर घटा है। सुबह 8 बजे तक फाफामऊ में गंगा का स्तर 81.17 मीटर, छतनाग में 79.81 मीटर और नैनी में यमुना का जलस्तर 80.30 मीटर दर्ज किया गया।