प्रयागराज न्यूज डेस्क: महाकुंभ मेला: भारत की धार्मिक धरोहर हिंदू धर्म में महाकुंभ मेला का विशेष महत्व है। यह विश्व प्रसिद्ध धार्मिक आयोजन हर 12 साल में एक बार आयोजित किया जाता है, जिसमें लाखों श्रद्धालु पवित्र संगम नदी में डुबकी लगाते हैं। कुंभ मेला केवल एक तीर्थयात्रा नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, परंपराओं और विविधता का अद्भुत संगम है। यह आयोजन चार प्रमुख स्थलों – प्रयागराज (इलाहाबाद), उज्जैन, नासिक और हरिद्वार में होता है।
विभिन्न संस्कृतियों का संगम
महाकुंभ मेले में देशभर से हर जाति और धर्म के लोग शामिल होते हैं। यहां आपको संत, साधु और नागा बाबाओं के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रों की मशहूर हस्तियां भी डुबकी लगाते हुए दिखाई देती हैं। इस मेले में विशाल तंबूनुमा बस्ती बसाई जाती है, जहां श्रद्धालु ठहरते हैं। यहां धार्मिक अनुष्ठान, सांस्कृतिक कार्यक्रम और पारंपरिक खानपान श्रद्धालुओं को आकर्षित करते हैं।
महाकुंभ और अमृत कलश की कथा
महाकुंभ मेले से जुड़ी पौराणिक कथा समुद्र मंथन की है। माना जाता है कि अमृत कलश से कुछ बूंदें प्रयागराज, उज्जैन, नासिक और हरिद्वार में गिरी थीं। यही कारण है कि इन चार स्थानों पर कुंभ मेले का आयोजन होता है। यहां डुबकी लगाने से मोक्ष की प्राप्ति और पापों का नाश होता है, ऐसी मान्यता है।
2025 में महाकुंभ मेले की तिथियां
वर्ष 2025 में महाकुंभ मेले का आयोजन प्रयागराज में होगा। यह भव्य मेला 13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी तक चलेगा। अगर आप इस बार महाकुंभ मेले में शामिल होना चाहते हैं, तो अभी से तैयारी शुरू कर दीजिए। यहां पहुंचने के लिए कई साधन उपलब्ध हैं, और मेला प्रशासन विशेष व्यवस्थाएं करता है।
मोक्ष और पुण्य की प्राप्ति
महाकुंभ मेले का मुख्य आकर्षण संगम नदी में स्नान है। ऐसा माना जाता है कि यहां स्नान करने से व्यक्ति के सारे पाप धुल जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, इस दौरान किया गया दान-पुण्य कई गुना अधिक फलदायी माना जाता है। यही कारण है कि लाखों लोग यहां हर बार आते हैं।
कुंभ मेला: भारत का गौरव
महाकुंभ मेला न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक विरासत और एकता का प्रतीक भी है। यहां हर आयु, जाति और वर्ग के लोग मिलकर भारतीय संस्कृति के विविध रंगों को उजागर करते हैं। इस भव्य आयोजन में शामिल होकर आप न केवल आध्यात्मिक शांति प्राप्त करेंगे, बल्कि भारतीय परंपराओं को करीब से समझने का मौका भी पाएंगे।