मुंबई, 11 नवंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) हाल ही में, पोषण विशेषज्ञ (Nutritionist) अमिता गाडरे ने सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी साझा की है कि डिलीवरी के बाद (postpartum) की महिलाओं में पित्ताशय की पथरी के मामले अक्सर देखने को मिलते हैं। उन्होंने बताया, "पिछले महीने, हमने पोस्टपार्टम महिलाओं में पित्ताशय की पथरी के छह मामले देखे। क्या आप जानते थे कि डिलीवरी के बाद की महिलाओं में पथरी विकसित होने का खतरा अधिक होता है?"
यह चेतावनी उन नई माताओं के लिए महत्वपूर्ण है जो अक्सर अपने बच्चे के जन्म के बाद पोषण और स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करती हैं।
पथरी का कारण: हार्मोनल बदलाव और उच्च वसा वाला आहार
पोषण विशेषज्ञ गाडरे के अनुसार, इस चरण के दौरान शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलाव पित्ताशय के खाली होने की प्रक्रिया को धीमा कर देते हैं।
हार्मोनल कारक: एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के स्तर में वृद्धि पित्ताशय के कार्य को प्रभावित करती है, जिससे पित्त (Bile) धीमी गति से खाली होता है और कोलेस्ट्रॉल का संतृप्ति (cholesterol saturation) बढ़ जाता है, जो पथरी के निर्माण को बढ़ावा देता है।
आहार कारक: हार्मोनल बदलावों के साथ-साथ, महिलाओं को अक्सर उच्च वसा (high-fat) वाला आहार दिया जाता है (जैसे घी, मक्खन और तेल का अत्यधिक सेवन), जिससे पथरी की संभावनाएँ और बढ़ जाती हैं।
मदरहुड हॉस्पिटल्स, गुड़गांव की आहार, पोषण और स्तनपान विशेषज्ञ, डॉ. निशा ने भी इस बात की पुष्टि की कि पित्ताशय की पथरी पोस्टपार्टम महिलाओं में काफी आम है, जिसका मुख्य कारण गर्भावस्था के दौरान और बाद में शरीर में होने वाले प्राकृतिक हार्मोनल और चयापचय (metabolic) परिवर्तन हैं।
वजन घटाने पर अधिक ध्यान देना भी है एक जोखिम
अमिता गाडरे ने एक अन्य महत्वपूर्ण जोखिम कारक की ओर इशारा किया। बहुत सी नई माताएँ प्रसव के बाद तेजी से वजन कम करने पर ध्यान केंद्रित करती हैं, जहाँ उनका ध्यान केवल चीनी सेवन को सीमित करने पर होता है, जबकि फाइबर और सब्जियाँ उपेक्षित रह जाती हैं।
तेजी से वजन घटना: डिलीवरी के बाद तेजी से वजन कम होने से पित्त की संरचना (bile composition) बदल जाती है और पित्ताशय की पथरी का खतरा और बढ़ जाता है।
डॉ. निशा ने बताया कि जब पथरी लक्षण पैदा करती है, तो नई माताओं को ऊपरी दाएँ पेट में दर्द, मतली (nausea), उल्टी, या वसायुक्त भोजन खाने के बाद असहजता महसूस हो सकती है। हालांकि, कुछ पथरी वर्षों तक 'शांत' (silent) रह सकती हैं जब तक कि वे सूजन या संक्रमण जैसी जटिलताओं का कारण न बनें।
पथरी से बचाव और नियंत्रण के लिए सुझाव
विशेषज्ञों ने पोस्टपार्टम महिलाओं को पित्ताशय की पथरी को रोकने और नियंत्रित करने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाने की सलाह दी है:
- वसा का सेवन सीमित करें: डिलीवरी के बाद घी, मक्खन और तेल का अत्यधिक सेवन न करें।
- शर्करा से बचें: बहुत अधिक मिठाइयों और शर्करा युक्त मिश्रणों (sugary concoctions) से भी बचें।
- संतुलित आहार: एक संतुलित आहार लें और सुनिश्चित करें कि आपके भोजन में पर्याप्त फाइबर, फल और सब्जियां शामिल हों। * हाइड्रेटेड रहें: पर्याप्त पानी पीकर खुद को हाइड्रेटेड रखें।
- धीरे-धीरे वजन कम करें: प्रसव के बाद धीरे-धीरे और स्वस्थ तरीके से वजन कम करें, न कि तेजी से।
- चलना शुरू करें: नियमित रूप से चलना (walking) शुरू करें।
नियमित रूप से चिकित्सा जाँच और पेट का अल्ट्रासाउंड (abdominal ultrasounds), जब अनुशंसित हो, प्रारंभिक पहचान और समय पर उपचार की अनुमति देते हैं, जिससे नई माताओं के लिए आगे की जटिलताओं को रोका जा सकता है।