मुंबई, 22 जुलाई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को दो दिवसीय ब्रिटेन यात्रा पर रवाना होंगे, जो उनकी चौथी आधिकारिक यात्रा है। यह दौरा ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के न्योते पर हो रहा है और उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी की यह पहली मुलाकात होगी। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात ब्रिटिश सम्राट किंग चार्ल्स से भी निर्धारित है। लंदन में मोदी और स्टार्मर के बीच द्विपक्षीय बातचीत होगी, जिसमें भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच मुक्त व्यापार समझौते यानी फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) को लेकर निर्णायक चर्चा की उम्मीद है। इसके अलावा दोनों नेता रक्षा, तकनीक और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर भी विचार-विमर्श करेंगे।
भारत और यूके के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर पिछले तीन सालों से बातचीत चल रही थी, जो अब जाकर पूरी हुई है। रिपोर्टों के अनुसार एग्रीमेंट के मसौदे की कानूनी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, और इस यात्रा के दौरान उस पर हस्ताक्षर संभव हैं। प्रधानमंत्री के साथ इस यात्रा में वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल भी शामिल होंगे, जिनकी भूमिका इस समझौते में प्रमुख रही है। FTA के तहत दोनों देश व्यापार में लगने वाले टैक्स या शुल्क को खत्म या बेहद कम कर देंगे, जिससे दोनों देशों की कंपनियों को फायदा होगा। इसके तहत भारत के चमड़े, जूते, कपड़ा, खिलौने, रत्न और आभूषण जैसे उत्पाद ब्रिटेन में बिना टैक्स के या कम टैक्स पर एक्सपोर्ट किए जा सकेंगे, जिससे उनकी बिक्री बढ़ेगी। वहीं ब्रिटेन की कारें, व्हिस्की, फैशन उत्पाद, इलेक्ट्रॉनिक्स और फर्नीचर भारत में सस्ते हो जाएंगे।
इस समझौते का उद्देश्य 2030 तक भारत और यूके के बीच व्यापार को दोगुना करके 120 अरब डॉलर तक पहुंचाना है। हालांकि समझौते पर दस्तखत के बाद इसे भारत की कैबिनेट और ब्रिटिश संसद की मंजूरी लेनी होगी, जिसमें 6 महीने से 1 साल तक का समय लग सकता है। इस डील से दोनों देशों के उपभोक्ताओं को तो लाभ होगा ही, साथ ही डिजिटल, इंजीनियरिंग और मार्केटिंग जैसे क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। हालांकि भारत में प्रीमियम अल्कोहल बाजार में काम कर रही घरेलू शराब कंपनियों को अब यूके से आने वाली सस्ती व्हिस्की से प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ सकता है। स्कॉच व्हिस्की एसोसिएशन के सीईओ मार्क केंट ने इस समझौते को ‘एक पीढ़ी में एक बार होने वाला सौदा’ बताया और कहा कि भारत जैसे बड़े बाजार में स्कॉच व्हिस्की के लिए यह एक ऐतिहासिक अवसर है।