अमिताभ बच्चन के सामने हॉट सीट पर बैठना लाखों लोगों का सपना होता है, लेकिन छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाके बीजापुर में तैनात बिप्लब विश्वास ने न केवल इस सपने को जिया, बल्कि अपनी बुद्धिमत्ता से पूरे देश का दिल जीत लिया। उनकी यह ऐतिहासिक जीत 30 और 31 दिसंबर 2025 को सोनी टीवी पर प्रसारित होने वाले विशेष एपिसोड में दुनिया के सामने आएगी।
15 वर्षों की तपस्या और पिता का आशीर्वाद
बिप्लब विश्वास की यह सफलता रातों-रात नहीं मिली। इसके पीछे 15 सालों का कठिन संघर्ष और उनके स्वर्गीय पिता की प्रेरणा रही है।
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ड्यूटी और पढ़ाई: बीजापुर जैसे चुनौतीपूर्ण क्षेत्र में नक्सल विरोधी अभियानों में तैनात रहने के बावजूद, बिप्लब समय मिलते ही केबीसी के पुराने एपिसोड देखते थे और सवालों को हल करने का अभ्यास करते थे।
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पिता की सलाह: उनके पिता हमेशा उन्हें इस मंच तक पहुँचने के लिए प्रोत्साहित करते थे। आज जब वे सफल हुए हैं, तो उनकी यह जीत उनके पिता को सच्ची श्रद्धांजलि है।
खेल का अद्भुत प्रदर्शन: अमिताभ बच्चन हुए मुरीद
शो के दौरान बिप्लब ने जो अनुशासन और ज्ञान दिखाया, उससे महानायक अमिताभ बच्चन भी दंग रह गए।
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बिना लाइफलाइन के सफर: बिप्लब ने खेल के पहले 10 सवाल (पहले दो पड़ाव) बिना किसी लाइफलाइन का इस्तेमाल किए पार कर लिए।
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सुपर संदूक राउंड: इस राउंड में उन्होंने बिना किसी गलती के सभी 10 प्रश्नों के सही उत्तर देकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया।
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अमिताभ का विशेष निमंत्रण: उनकी सादगी और ज्ञान से प्रभावित होकर अमिताभ बच्चन ने घोषणा की कि वे बिप्लब और उनके परिवार को अपने बंगले पर डिनर के लिए आमंत्रित करेंगे। साथ ही, उन्हें एक लाख रुपये की अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि देने की भी घोषणा की गई।
निजी जीवन की त्रासदी और अजेय हौसला
बिप्लब की जीत की चमक के पीछे दुखों का एक गहरा सागर भी है। वर्ष 2021 (कोरोना काल) में उन्होंने अपनी पत्नी और पिता दोनों को खो दिया था। एक ही साल में परिवार के दो स्तंभों के ढह जाने के बाद भी बिप्लब ने हार नहीं मानी। उन्होंने अपने दुखों को अपनी ताकत बनाया और अपनी बेटी के भविष्य तथा पिता के सपने के लिए संघर्ष जारी रखा।
[Table: बिप्लब विश्वास को मिले पुरस्कार और सम्मान]
| पुरस्कार |
विवरण |
| नकद धनराशि |
₹1 करोड़ + ₹1 लाख (अमिताभ बच्चन द्वारा) |
| वाहन |
मारुति सुजुकी विक्टोरियाज (टॉप मॉडल) कार + ई-बाइक |
| अन्य उपहार |
सोने का सिक्का + ₹50,000 का डॉ. फिक्सिट वाउचर |
| विशेष सम्मान |
अमिताभ बच्चन के घर पर डिनर का निमंत्रण |
प्रेरणा का स्रोत
मूल रूप से पश्चिम बंगाल के रहने वाले और अब रांची के गौरव बन चुके बिप्लब विश्वास की सफलता पर केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ और सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारियों ने उन्हें बधाई दी है। उनकी यह उपलब्धि साबित करती है कि यदि इरादे फौलादी हों, तो हाथ में बंदूक और मन में ज्ञान का संतुलन बनाकर किसी भी 'नक्सल' और 'सवाल' को जीता जा सकता है।
निष्कर्ष
बिप्लब विश्वास की कहानी केवल एक करोड़ रुपये जीतने की कहानी नहीं है, बल्कि यह एक सैनिक के अटूट धैर्य, एक बेटे के कर्तव्य और एक पिता के संघर्ष की जीत है। 2025 का यह अंत झारखंड और देश के सुरक्षा बलों के लिए हमेशा यादगार रहेगा।