राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) के अधिकारी छोटू लाल शर्मा इन दिनों कानूनी और व्यक्तिगत दोनों मोर्चों पर चर्चा का केंद्र बने हुए हैं। भीलवाड़ा जिले के एक सीएनजी पंप पर हुई हिंसक घटना, जिसमें उन्होंने पहले एक पंपकर्मी को थप्पड़ मारा और बदले में खुद थप्पड़ खाया, ने उन्हें रातोंरात सुर्खियों में ला दिया। इस वायरल वीडियो के बाद राज्य सरकार ने तत्काल कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया। हालांकि, अब इस 'थप्पड़ कांड' से कहीं ज्यादा दिलचस्प और मार्मिक उनकी निजी जिंदगी की कहानी बन गई है, जिसमें एक ही अधिकारी के जीवन में प्रेम विवाह, विश्वासघात, तलाक का विवाद, दूसरी शादी और पांच बच्चों की परवरिश की जटिलताएँ शामिल हैं।
कॉलेज रोमांस से RAS तक का सफर: पहली पत्नी की मार्मिक कहानी
छोटू लाल शर्मा की पहली पत्नी पूनम जाखोड़िया ने उनके उदय और पतन दोनों की कहानी बयां की है। पूनम और छोटू लाल की मुलाकात एक कॉलेज में हुई थी, जहां दोनों लेक्चरर के पद पर कार्यरत थे। उनका रिश्ता रोमांस से शुरू हुआ और लव मैरिज में बदल गया। पूनम ने भावुक होकर बताया कि उन्होंने और छोटू लाल ने संघर्ष के शुरुआती दिन एक साथ देखे। वह छोटू लाल की पढ़ाई में आर्थिक रूप से मदद करती थीं, ताकि वह अपनी प्रशासनिक सेवाओं की तैयारी पूरी कर सकें। शादी के बाद उन्हें दो बच्चे हुए, जो आज भी भीलवाड़ा के एक प्रतिष्ठित निजी स्कूल में पढ़ते हैं। पूनम के अनुसार, उनके वैवाहिक जीवन में तब तक सब ठीक था, जब तक छोटू लाल ने अपने सपने को पूरा नहीं कर लिया।
RAS बनने के बाद बदल गया व्यवहार
पूनम जाखोड़िया के मुताबिक, 2018 में जब छोटू लाल का चयन राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) में हुआ, तो उनके व्यक्तित्व में नाटकीय बदलाव आया। पूनम का आरोप है कि पद और शक्ति ने उनका व्यवहार बदल दिया। वह खुद को दूसरों से श्रेष्ठ समझने लगे और बात-बात पर गुस्सा करना, यहां तक कि मारपीट करना उनकी आदत बन गई। पूनम का दर्द तब और गहरा हो गया जब उन्होंने बताया कि छोटू लाल न केवल उनके साथ, बल्कि बाद में बच्चों के साथ भी हिंसा करने लगे। पूनम के अनुसार, छोटू लाल उनसे कहने लगे थे कि "अब मैं SDM हूं, तुम बूढ़ी लगती हो। मैं अब किसी और से शादी करूंगा।"
कोरोना काल में 'तलाक की साजिश' और कानूनी लड़ाई
पूनम ने आरोप लगाया कि छोटू लाल ने तलाक के लिए एक सुनियोजित साजिश रची। कोरोना महामारी के दौरान, उन्होंने बच्चों को पिलानी के एक अच्छे स्कूल में ऑनलाइन क्लास के बहाने भेज दिया और धीरे-धीरे उनसे दूरी बना ली। पूनम बताती हैं कि 2023 में उन्हें अचानक तलाक के कागजात मिले, जिन पर उनके नकली हस्ताक्षर थे। उन्हें तभी एहसास हुआ कि उनके पति ने उनसे दूर रहते हुए तलाक की प्रक्रिया पूरी कर ली है। पूनम ने इस धोखे के खिलाफ आवाज उठाई है और उन्होंने जोधपुर हाईकोर्ट में इस फर्जी तलाक को चुनौती देते हुए मुकदमा दायर किया है। पूनम आज भी खुद को उनकी पहली पत्नी मानती हैं और कहती हैं, "मैं आज भी उसके नाम का सिंदूर लगाती हूं।"
दूसरी पत्नी और पांच बच्चों की अनूठी जिम्मेदारी
पहली पत्नी से विवाद के बावजूद, छोटू लाल शर्मा ने साल 2024 में दीपिका व्यास से दूसरी शादी कर ली। दीपिका के साथ उनका एक दो माह का बेटा है। लेकिन कहानी यहाँ और भी भावनात्मक मोड़ लेती है: छोटू लाल के मुताबिक, उनकी पहली पत्नी के दो बच्चे (जो इस समय ननिहाल गए हैं) उन्हीं के पास रहते हैं। वहीं, दीपिका व्यास न केवल अपने दो माह के बेटे की, बल्कि छोटू लाल के दिवंगत बड़े भाई की दो संतानों की भी देखभाल करती हैं। इसका मतलब है कि दूसरी पत्नी दीपिका व्यास इस समय कुल पांच बच्चों (दो पहली शादी से, दो दिवंगत भाई के और एक अपना) की जिम्मेदारी संभाल रही हैं। निलंबन से पहले, छोटू लाल प्रतापगढ़ में SDM के पद पर तैनात थे और सप्ताहांत में भीलवाड़ा की अंसल कॉलोनी स्थित अपने नए परिवार से मिलने आते थे। अब निलंबन के बाद उनका मुख्यालय जयपुर कर दिया गया है।
'थप्पड़ कांड' पर अधिकारी की सफाई और पहली पत्नी का पलटवार
सीएनजी पंप पर हुए 'थप्पड़ कांड' पर छोटू लाल शर्मा ने अपनी सफाई पेश करते हुए वायरल वीडियो को 'एडिटेड' बताया। उन्होंने दावा किया कि वे त्योहार के दौरान अपने बड़े भाई के निधन के बाद परिवार के साथ जा रहे थे, तभी जसवंतपुरा पेट्रोल पंप के कर्मचारी ने उनकी पत्नी के साथ अभद्रता की और अश्लील इशारे किए। उन्होंने कहा कि उन्होंने केवल इसका विरोध किया और उनके खिलाफ माहौल बनाया जा रहा है। हालांकि, उनकी पहली पत्नी पूनम ने इस सफाई को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि छोटू लाल का स्वभाव हमेशा से गुस्सैल रहा है और वह खुद को पद की शक्ति के नशे में चूर मानते हैं। पूनम ने एक पुरानी घटना का उदाहरण दिया जब उन्होंने मेले में एक झूले वाले को भी थप्पड़ मार दिया था। पूनम के अनुसार, SDM बनने के बाद उन्हें यह भ्रम हो गया कि उनका पद उन्हें किसी भी गलती से बचा सकता है। फिलहाल, छोटू लाल शर्मा के निलंबन के बाद भी उनकी निजी जिंदगी का यह जटिल और नाटकीय प्रकरण—जिसमें त्याग, अधिकार का दुरुपयोग, और बच्चों की जिम्मेदारी शामिल है पूरे राजस्थान और सोशल मीडिया पर एक बड़ी बहस का विषय बना हुआ है।