म्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में एक नई कड़ी में तनाव बढ़ गया है। इस हमले में 26 भारतीय पर्यटकों की जान चली गई थी, जिसके बाद भारत ने पाकिस्तान को सख्त संदेश दिया कि वह आतंकवाद के समर्थन को बर्दाश्त नहीं करेगा। इस बीच पाकिस्तान के मंत्री अताउल्लाह तरार ने भारत को परमाणु हमले की धमकी दी है। पाकिस्तान के सूचना और प्रसारण मंत्री अताउल्लाह तरार ने हाल ही में अल जजीरा को दिए एक इंटरव्यू में यह दावा किया कि यदि भारत ने सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तान का पानी रोकने की कोशिश की, तो पाकिस्तान के पास इसका जवाब देने का परमाणु विकल्प मौजूद है।
यह धमकी उस वक्त दी गई है जब भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त कदम उठाए हैं, जिसमें सिंधु जल समझौता रद्द करने से लेकर व्यापारिक संबंधों को समाप्त करने तक के फैसले शामिल हैं। ऐसे में पाकिस्तान के मंत्री की यह धमकी क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरे की तरह देखी जा रही है।
अताउल्लाह तरार: कौन हैं यह नेता?
अताउल्लाह तरार पाकिस्तान की वर्तमान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार में केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री हैं। वह पाकिस्तान के प्रमुख राजनीतिक दल पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PMNL) से जुड़े हैं और उनके दादा मुहम्मद रफीक पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश और पीएमएल-एन के नेता रह चुके हैं। अताउल्लाह तरार ने पंजाब प्रांत में हमजा शाहबाज की सरकार में गृहमंत्री के तौर पर भी कार्य किया था।
तरार का राजनीतिक करियर विवादों से घिरा हुआ रहा है। दिसंबर 2021 में, उनके खिलाफ एक मामला दर्ज किया गया था जब उन्होंने हथियारबंद लोगों की भीड़ के साथ खानेवाल में उपचुनाव के दौरान पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के उम्मीदवार के घर पर जबरन हमला किया था। इस तरह की गतिविधियाँ उनकी विवादास्पद छवि को और भी बढ़ाती हैं।
तरार के हालिया बयान ने भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में और भी तनाव पैदा कर दिया है, क्योंकि वह भारत से परमाणु खतरे की बात कर रहे हैं। उनकी यह धमकी पाकिस्तान के भीतर और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी विवाद का कारण बन चुकी है।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री की भी परमाणु धमकी
अताउल्लाह तरार के परमाणु धमकी के अलावा, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री भी भारत को परमाणु हमले की गीदड़भभकी दे चुके हैं। पाकिस्तान के राजदूत मोहम्मद खालिद जमाली ने एक इंटरव्यू में कहा था कि अगर भारत पाकिस्तान पर हमला करता है या सिंधु जल समझौता तोड़ता है, तो पाकिस्तान न सिर्फ परंपरागत युद्ध बल्कि परमाणु हथियारों से भी जवाब देगा।
यह सब बयान ऐसे वक्त में आ रहे हैं जब भारत और पाकिस्तान के बीच पहले से ही वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव और सीमा पर गोलीबारी जारी है। दोनों देशों की सेनाएँ सीमा पर युद्धाभ्यास कर रही हैं और दोनों देशों के बीच युद्ध का खतरा बढ़ता जा रहा है।
भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कौनसे सख्त फैसले लिए हैं?
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त कदम उठाए हैं। सबसे पहले, भारत ने सिंधु जल समझौता स्थगित कर दिया, जो 1950s के दशक में दोनों देशों के बीच हुआ था। यह समझौता पाकिस्तान और भारत के बीच जल बंटवारे का एक प्रमुख दस्तावेज है। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ व्यापार भी बंद कर दिया है और पाकिस्तान के नागरिकों को देश छोड़ने का आदेश दिया है।
भारत सरकार ने पाकिस्तान के पत्रकारों, राजनेताओं और सोशल मीडिया अकाउंट्स को भी बैन कर दिया है। इसके अलावा, कई यूट्यूब चैनल्स और वेबसाइट्स पर भी प्रतिबंध लगाया गया है जो भारत और भारतीय सेना के खिलाफ भ्रामक जानकारी फैला रहे थे।
भारत के इन कड़े फैसलों का उद्देश्य पाकिस्तान पर आर्थिक दबाव डालना और उसे आतंकवाद को बढ़ावा देने से रोकना है।
आखिरी विचार
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव एक गंभीर मोड़ पर पहुँच चुका है। पाकिस्तान के मंत्री की परमाणु धमकी और भारत के कड़े सैन्य और कूटनीतिक कदम यह दिखाते हैं कि दोनों देशों के रिश्ते काफी संवेदनशील हो चुके हैं। इस स्थिति में अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी पाकिस्तान की बढ़ती उत्तेजना को गंभीरता से लेना होगा, क्योंकि दोनों देशों के बीच किसी भी तरह की मुलाकात या बातचीत के बिना यह तनाव युद्ध की ओर बढ़ सकता है।
भारत ने पाकिस्तान को यह स्पष्ट संदेश दिया है कि आतंकवाद के समर्थन को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह देखना बाकी है कि पाकिस्तान अपनी नीतियों में किस हद तक बदलाव लाता है, और क्या भविष्य में शांति की ओर कोई कदम उठाए जाएंगे।