प्रयागराज न्यूज डेस्क: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने भारतीय संस्कृति और परंपराओं से वंचित वर्गों को जोड़ने के उद्देश्य से एक नई पहल की है। संघ की शिक्षा शाखा, विद्या भारती, ने उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेले में अनुसूचित जाति (SC) और वंचित वर्गों से जुड़े लगभग 8000 छात्रों को “कुंभ दर्शन” कराने का निर्णय लिया है।
यह पहल 16 जनवरी से शुरू होगी, और 10 वर्ष से अधिक उम्र के छात्रों को उनके माता-पिता के साथ कुंभ मेले का अनुभव कराएंगे। विद्या भारती का कहना है कि इस यात्रा का उद्देश्य इन बच्चों को हिंदू परंपराओं, भारतीय संस्कृति और महाकुंभ के आध्यात्मिक महत्व से अवगत कराना है, ताकि वे धर्मांतरण जैसे प्रयासों से प्रभावित न हो सकें।
विद्या भारती के प्रशिक्षक रामजी सिंह ने बताया कि बच्चों को संतों के आश्रम, अखाड़ों और संगम घाट जैसी महत्वपूर्ण जगहों पर ले जाया जाएगा। उनका मानना है कि इस यात्रा से बच्चे भारतीय परंपराओं और महाकुंभ के आध्यात्मिक पहलुओं को समझने में सक्षम होंगे, जो उन्हें धर्मांतरण के नकारात्मक प्रभावों से बचाएगा।
विद्या भारती के संस्कार केंद्र, जो मुख्य रूप से गरीब और झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले बच्चों को शिक्षा प्रदान करते हैं, इस अभियान का प्रमुख हिस्सा हैं। इन केंद्रों में न केवल बच्चों को सामान्य शिक्षा दी जाती है, बल्कि उन्हें राष्ट्रभक्ति, भारत माता की पूजा और भारतीय परंपराओं का भी प्रशिक्षण दिया जाता है।
इस यात्रा के दौरान, छात्रों और उनके माता-पिता के लिए मेला क्षेत्र के सेक्टर 9 में एक विशेष शिविर का प्रबंध किया गया है। इसके बाद, 16 से 18 जनवरी के बीच अवध क्षेत्र के 14 जिलों से लगभग 2100 छात्र कुंभ मेले में शामिल होंगे। इसी तरह, अन्य क्षेत्रों से भी छात्रों के समूहों का कुंभ यात्रा कार्यक्रम निर्धारित किया गया है, जिससे RSS का यह प्रयास वंचित वर्गों को मुख्य धारा से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है।