प्रयागराज न्यूज डेस्क: प्रयागराज के बारा तहसील परिसर में आज अलग-अलग समुदायों के लोग अपनी परेशानियाँ लेकर इकट्ठा हुए। भारतीय किसान यूनियन आज़ाद (हिन्द) के नेतृत्व में बहेलिया समाज, घुमंतू समुदाय, किसान और दलित समाज से जुड़े लोगों ने शांतिपूर्ण धरने के ज़रिए प्रशासन को बताया कि उनकी समस्याएँ अब और नज़रअंदाज़ नहीं की जा सकतीं। उनका कहना है कि वर्षों से उन्हें उनके हक़ से वंचित रखा गया है।
धरने में संगठन के पदाधिकारियों ने उपजिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को 10 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा। इसमें बहेलिया और घुमंतू समाज को जनजाति का दर्जा देने, आवासीय पट्टों का वितरण करने और धान क्रय केंद्रों पर सीधे व प्राथमिकता से तौल कराने जैसी मांगें शामिल हैं। किसानों ने साफ़ कहा कि बिचौलियों की दखल अब खत्म होनी चाहिए।
प्रदर्शनकारियों ने यह भी कहा कि अति पिछड़े और दलित वर्ग को मुफ्त बिजली मिले और किसानों को बिजली बिल में छूट या नियमन शुल्क से राहत दी जाए। साथ ही, जिले में हो रहे अवैध खनन पर कार्रवाई की मांग उठी। उनका आरोप था कि खनन से नुकसान तो हो रहा है, मगर प्रशासन चुप है। किसानों, बहेलिया और घुमंतू समाज के वाहनों पर टोल टैक्स भी उन्हें अन्याय लगता है।
ज्ञापन में एनएच-30 और एनएच-35 पर खराब स्ट्रीट लाइटें ठीक कराने, वन भूमि पर गौ अभ्यारण्य बनाने और आवारा व घायल गौवंश के लिए पानी-चारा व देखभाल की व्यवस्था जैसी मांगे भी रखी गईं। धरना खत्म होने पर नायब तहसीलदार रोशनी सोलंकी ने ज्ञापन लिया और भरोसा दिलाया कि हर मुद्दे पर नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।