प्रयागराज न्यूज डेस्क: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा है। अनुमान है कि पूरे आयोजन के दौरान करीब 45 करोड़ श्रद्धालु शामिल होंगे। इस भीड़ ने होटल व्यवसाय में नई जान फूंक दी है। टूर और ट्रैवल एजेंसियों ने होटल सर्च में दोगुनी बढ़त की बात कही है। इस मौके को भुनाने के लिए OYO ने 2025 तक देश के प्रमुख धार्मिक स्थलों पर 500 नए होटल जोड़ने की योजना बनाई है। इसमें अयोध्या, बनारस, हरिद्वार, पुरी, उज्जैन, तिरुपति जैसे पॉपुलर डेस्टिनेशन शामिल हैं।
धार्मिक पर्यटन की बढ़ती मांग के बीच OYO का बड़ा कदम
महाकुंभ के दौरान लाखों श्रद्धालुओं की उपस्थिति और सरकार की धार्मिक स्थलों पर इंफ्रास्ट्रक्चर विस्तार योजनाओं ने OYO को अपनी रणनीति बदलने पर मजबूर किया है। प्रसाद स्कीम, रामायण सर्किट और स्वदेश दर्शन जैसी योजनाओं के चलते धार्मिक पर्यटन में भारी इजाफा हो रहा है। OYO ने बताया कि अयोध्या में 150, वाराणसी में 100 और हरिद्वार, पुरी, प्रयागराज में 50-50 होटल जोड़ने की योजना है।
राम मंदिर निर्माण के बाद अयोध्या में बढ़ी पर्यटन की मांग
राम मंदिर के उद्घाटन के बाद अयोध्या एक प्रमुख धार्मिक पर्यटन स्थल बनकर उभरा है। OYO के आंकड़ों के अनुसार, नए साल की छुट्टियों में अयोध्या सबसे अधिक सर्च किया गया स्थान रहा, जिसमें 39% की वृद्धि दर्ज की गई। OYO का कहना है कि यह कदम राम मंदिर के कारण बढ़ी हुई आवास की मांग को पूरा करने के लिए उठाया गया है।
धार्मिक पर्यटन से बढ़ेगा रोजगार और राजस्व
भारत में धार्मिक पर्यटन के कारण आर्थिक विकास को रफ्तार मिलने की उम्मीद है। एक रिपोर्ट के अनुसार, 2028 तक यह क्षेत्र 59 बिलियन डॉलर का राजस्व जेनरेट कर सकता है। साथ ही, 2030 तक करीब 14 करोड़ स्थायी और अस्थायी रोजगार के अवसर पैदा होंगे। महाकुंभ के दौरान भी हजारों करोड़ का राजस्व उत्पन्न होने की संभावना है, जिससे स्थानीय और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।