प्रयागराज न्यूज डेस्क: माघ मेला–2026 को लेकर प्रशासन अब पूरी तरह सक्रिय हो गया है। गुरुवार को आई-ट्रिपल-सी सभागार में हाई-लेवल मीटिंग हुई, जहां मेला क्षेत्र में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ को कैसे संभालना है, इस पर गहन चर्चा हुई। मकर संक्रांति और मौनी अमावस्या के बीच सिर्फ तीन दिन का अंतर होने के कारण इस बार भीड़ के लंबे समय तक रुके रहने की संभावना जताई गई। प्रशासन पहले से ही व्यापक यातायात प्लान तैयार करने में जुट गया है।
मंडलायुक्त सौम्या अग्रवाल ने बताया कि इस बार स्थिति खास चुनौतीपूर्ण होगी, क्योंकि मौनी अमावस्या पर तीन करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के स्नान की उम्मीद है। इसलिए हर इंच पर सटीक और संवेदनशील ट्रैफिक मैनेजमेंट जरूरी है। एडीजी डॉ. संजीव गुप्ता ने बताया कि प्रयागराज मुख्य रूप से सात जिलों—जौनपुर, वाराणसी, रीवा, मिर्जापुर, कानपुर, लखनऊ और अयोध्या—के रास्तों से जुड़ता है, इसलिए इन मार्गों पर डायवर्जन लागू कराने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करने की जरूरत है।
इसी बैठक में डायवर्जन मार्गों की समय रहते मरम्मत, बॉर्डर नाकों पर नियमित जांच और होल्डिंग एरिया की क्षमता का सही आंकलन करने जैसे जरूरी निर्देश दिए गए। पुलिस आयुक्त जोगिंदर कुमार ने सीमावर्ती जिलों को डायवर्जन प्लान के मुताबिक ड्यूटी चार्ट और होल्डिंग पॉइंट तय करने को कहा। अचानक भीड़ बढ़ने जैसी स्थितियों को देखते हुए वैकल्पिक प्लान भी तैयार रखने पर जोर दिया गया।
पुलिस अधिकारियों ने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि किसी भी मार्ग से प्रयागराज की तरफ गलत दिशा में वाहन न आएं और हर जिले का आंतरिक डायवर्जन सिस्टम सक्रिय रहे। आईजी डॉ. अजय कुमार मिश्रा ने सभी अधिकारियों के लिए एक कॉमन कम्युनिकेशन प्लेटफॉर्म बनाने का सुझाव दिया। एसएसपी माघ मेला नीरज कुमार पांडेय ने बताया कि सीमावर्ती जिलों से आने वाले वाहनों पर पीक और नॉन-पीक दोनों तरह के डायवर्जन लागू होंगे। मेला अधिकारी ऋषिराज ने सभी जिलों से सहयोग की अपील की।