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गणतंत्र दिवस से पहले सीमा पर कड़ा पहरा, बीएसएफ ने शुरू किया ‘ऑपरेशन सर्द हवा’

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Posted On:Wednesday, December 31, 2025

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने जिस तरह से आतंकियों और घुसपैठियों के मंसूबों को नाकाम किया था, वह देश की आंतरिक सुरक्षा के लिहाज से बेहद अहम माना गया। इस ऑपरेशन में बीएसएफ ने न सिर्फ कई आतंकी ठिकानों को तबाह किया, बल्कि सीमा पार से होने वाली घुसपैठ की कई कोशिशों को भी विफल कर दिया। अब इसी कड़ी में बीएसएफ ने पाकिस्तान सीमा पर एक नया और व्यापक अभियान शुरू किया है, जिसका नाम ‘ऑपरेशन सर्द हवा’ रखा गया है।

इस ऑपरेशन का मुख्य उद्देश्य घुसपैठ, तस्करी और सीमा पर अवैध गतिविधियों को पूरी तरह से रोकना है। खासतौर पर इसलिए भी क्योंकि गणतंत्र दिवस समारोह नजदीक है और इस दौरान आतंकी संगठन व दुश्मन देश सर्दी, घने कोहरे और खराब मौसम का फायदा उठाकर भारत में घुसपैठ कराने की कोशिश कर सकते हैं। बीएसएफ ने इस संभावित खतरे को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था को अभूतपूर्व स्तर तक मजबूत करने का फैसला किया है।

ठंड और कोहरे में बढ़ता खतरा

हर साल सर्दियों के मौसम में, खासकर जनवरी और फरवरी के महीनों में, सीमा पर घुसपैठ की घटनाओं में बढ़ोतरी देखी जाती है। हाड़ कंपा देने वाली ठंड, घना कोहरा और कई इलाकों में बर्फबारी सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौती बन जाती है। ऐसे हालातों में दुश्मन देश अक्सर सीमा पार से आतंकियों या तस्करों को भेजने की कोशिश करता है। इसी को ध्यान में रखते हुए बीएसएफ ने ऑपरेशन सर्द हवा के तहत चौकसी को कई गुना बढ़ा दिया है।

हाईटेक उपकरणों से लैस निगरानी

खुफिया एजेंसियों से घुसपैठ के इनपुट मिलने के बाद बीएसएफ ने पाकिस्तान सीमा के पास लेटेस्ट तकनीक और आधुनिक उपकरणों की तैनाती शुरू कर दी है। इनमें रडार-आधारित और सेंसर-आधारित निगरानी सिस्टम शामिल हैं, जो अंधेरे और कोहरे में भी संदिग्ध गतिविधियों को पकड़ने में सक्षम हैं। इसके अलावा हाई-लेवल मॉनिटरिंग गैजेट्स और थर्मल इमेजिंग उपकरणों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है, ताकि सीमा पर होने वाली हर छोटी-बड़ी हलचल पर नजर रखी जा सके।

ड्रोन से आसमान पर भी कड़ी नजर

ऑपरेशन सर्द हवा में हवाई निगरानी को विशेष प्राथमिकता दी गई है। बीएसएफ ने सभी मौसम में काम करने वाले ड्रोन सीमा पर तैनात किए हैं, जो दिन-रात निगरानी कर रहे हैं। इन ड्रोन के जरिए न सिर्फ जमीन पर होने वाली गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है, बल्कि संदिग्ध मूवमेंट की तुरंत जानकारी कंट्रोल रूम तक पहुंचाई जा रही है।

इस अभियान के तहत ड्रोन कमांडो और ड्रोन वॉरियर्स की भी तैनाती की गई है। इनके साथ ही दुर्गा वाहिनी टीम को भी सक्रिय किया गया है, जो ड्रोन वॉरियर की तरह काम करती है और निगरानी से लेकर त्वरित कार्रवाई में अहम भूमिका निभाती है।

कश्मीर और राजस्थान बॉर्डर पर सख्ती

ऑपरेशन सर्द हवा को खासतौर पर जम्मू-कश्मीर और राजस्थान सीमा क्षेत्रों में तेज किया गया है। इन इलाकों में घुसपैठ और तस्करी की आशंका को देखते हुए अतिरिक्त सुरक्षा चौकियां बनाई गई हैं। बीएसएफ जवानों की संख्या बढ़ा दी गई है और उन्हें अत्याधुनिक हथियारों व संचार उपकरणों से लैस किया गया है।

इसके साथ ही एक विशेष कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया है, जहां से पूरे सीमावर्ती इलाके की रियल-टाइम मॉनिटरिंग की जा रही है। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना मिलते ही त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है।

हर साल की रणनीति, लेकिन इस बार ज्यादा सख्ती

बीएसएफ की ओर से ऑपरेशन सर्द हवा हर साल सर्दियों की शुरुआत में चलाया जाता है, क्योंकि इसी समय दुश्मन देश की ओर से घुसपैठ, ड्रग्स और हथियारों की तस्करी तथा अवैध आवाजाही की कोशिशें बढ़ जाती हैं। हालांकि, इस बार गणतंत्र दिवस को देखते हुए इस ऑपरेशन को और ज्यादा व्यापक और सख्त बनाया गया है।

बीएसएफ अधिकारियों का कहना है कि सीमा की सुरक्षा में कोई ढील नहीं दी जाएगी और देश की अखंडता को चुनौती देने वाली हर कोशिश का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। ऑपरेशन सर्द हवा के जरिए बीएसएफ यह स्पष्ट संदेश देना चाहती है कि चाहे मौसम कितना भी कठिन क्यों न हो, भारत की सीमाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं।


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