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बंगाल चुनाव से पहले ममता बनर्जी का बड़ा सियासी दांव, दुर्गा आंगन से हिंदू वोटर्स को साधने की कोशिश

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Posted On:Tuesday, December 30, 2025

2026 में होने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बड़ा और अहम सियासी कदम उठाया है। मुख्यमंत्री का मौजूदा फोकस हिंदू वोट बैंक पर साफ तौर पर नजर आ रहा है। इसी रणनीति के तहत ममता बनर्जी ने सोमवार को कोलकाता के न्यू टाउन इलाके में भव्य दुर्गा आंगन की नींव रखी। इस मौके पर उन्होंने इसे दुनिया का सबसे बड़ा दुर्गा आंगन बताते हुए कहा कि यहां साल के 365 दिन श्रद्धालु मां दुर्गा के दर्शन कर सकेंगे। ममता बनर्जी के अनुसार, यह परियोजना सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि बंगाल की सांस्कृतिक विरासत को सहेजने और आगे बढ़ाने की एक बड़ी पहल है।

करीब दो लाख वर्ग फुट में बनने वाला दुर्गा आंगन परिसर बेहद भव्य और आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा। इस मंदिर परिसर में देवी-देवताओं के अलग-अलग मंदिर बनाए जाएंगे। 262 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस प्रोजेक्ट को पूरा होने में लगभग दो साल का समय लगेगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि दुर्गा आंगन को एक कल्चर सेंटर के रूप में भी विकसित किया जाएगा, जिससे स्थानीय व्यापार, हस्तशिल्प और कलाकारों को नया मंच मिलेगा। ममता बनर्जी ने इस दौरान यह भी याद दिलाया कि यूनेस्को ने कोलकाता की दुर्गा पूजा को अमूर्त सांस्कृतिक विरासत का दर्जा दिया है, जिसे बंगाल के लिए गर्व की बात बताया।

दुर्गा आंगन की भव्यता इसके डिजाइन में भी साफ झलकती है। इस परिसर में 1008 स्तंभ, 108 प्रतिमाएं और 64 सिंह मूर्तियां स्थापित की जाएंगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि मंदिर इतना विशाल होगा कि एक साथ एक हजार श्रद्धालु बैठकर पूजा कर सकेंगे। दुर्गा आंगन का गर्भगृह 54 मीटर ऊंचा होगा, जो इसे और भी भव्य रूप देगा। इसके अलावा परिसर में एक सांस्कृतिक संग्रहालय (कल्चरल म्यूजियम) भी बनाया जाएगा, जहां बंगाल की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित किया जाएगा।

परिसर में श्रद्धालुओं की सुविधाओं का भी विशेष ध्यान रखा गया है। यहां प्रसाद रसोई, सिंह रसोई, परिक्रमा पथ और एक पवित्र कुंड का निर्माण किया जाएगा। ममता बनर्जी ने बताया कि दुर्गा आंगन में हरियाली को प्राथमिकता दी जाएगी, जिसके तहत 300 से अधिक पेड़ और करीब एक हजार फूलों वाले पौधे लगाए जाएंगे। पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए परिसर को इस तरह डिजाइन किया जाएगा कि केवल 20 प्रतिशत क्षेत्र में ही एयर कंडीशनिंग की आवश्यकता पड़े। दुर्गा आंगन के सुचारू संचालन के लिए मुख्य सचिव के नेतृत्व में एक ट्रस्ट का गठन भी कर दिया गया है।

राजनीतिक नजरिए से देखा जाए तो चुनाव से पहले ममता बनर्जी का यह ऐलान एक बड़ा सियासी दांव माना जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी लगातार ममता सरकार पर तुष्टिकरण की राजनीति करने के आरोप लगाती रही है। इन आरोपों को खारिज करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि वह सभी धर्मों में विश्वास रखती हैं और सभी धर्मों के कार्यक्रमों में हिस्सा लेती हैं। हालांकि, बंगाल चुनाव से ठीक पहले दुर्गा आंगन और महाकाल मंदिर जैसी परियोजनाओं का ऐलान यह संकेत देता है कि तृणमूल कांग्रेस हिंदू वोटर्स को साधने की रणनीति पर गंभीरता से काम कर रही है।

दुर्गा आंगन के अलावा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दार्जिलिंग में बनने वाले महाकाल मंदिर को लेकर भी बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने बताया कि जनवरी के दूसरे हफ्ते में महाकाल मंदिर की नींव रखी जाएगी, जिसके लिए राज्य सरकार ने करीब 25.15 एकड़ जमीन उपलब्ध कराई है। इस मंदिर के साथ एक आधुनिक कल्चर सेंटर भी बनाया जाएगा, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।

इसके साथ ही ममता बनर्जी ने यह भी घोषणा की कि 5 जनवरी को गंगासागर सेतु का शिलान्यास किया जाएगा। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के निर्माण के लिए बंगाल सरकार 1700 करोड़ रुपये खर्च करेगी। कुल मिलाकर, ममता बनर्जी के ये सभी ऐलान यह साफ करते हैं कि 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार विकास, संस्कृति और आस्था के मुद्दों के जरिए मतदाताओं को साधने की रणनीति पर आगे बढ़ रही है।


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