मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकालेश्वर मंदिर प्रांगण में गुरुवार सुबह उस समय हड़कंप मच गया, जब बाबा महाकाल के एक अनन्य और नियमित भक्त का अचानक निधन हो गया। मृतक की पहचान सुदामा नगर क्षेत्र में 'काका जी' के नाम से मशहूर भोगेश मिश्रा (70) के रूप में हुई है।
भोगेश मिश्रा बाबा महाकाल के ऐसे समर्पित भक्त थे कि वे रोज़ाना रात 2:30 बजे अपने घर से पैदल मंदिर के लिए निकलते थे, ताकि वह बाबा महाकाल के दर्शन कर सकें और सबसे पहले होने वाली भस्म आरती में शामिल हो सकें।
दर्शन के बाद बिगड़ी तबीयत
गुरुवार को भी भोगेश मिश्रा नियमानुसार मंदिर पहुंचे थे और बाबा महाकाल के दर्शन किए। दर्शन के बाद, मंदिर प्रांगण में अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई और वह गिर पड़े।
घटना के तुरंत बाद, महाकालेश्वर प्रबंध समिति ने तेज़ी दिखाते हुए उन्हें तत्काल प्राथमिक उपचार दिया। हालांकि, उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए, उन्हें मंदिर की एंबुलेंस से नानाखेड़ा स्थित एक निजी अस्पताल पहुंचाया गया। दुर्भाग्य से, डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस दुखद घटना के बाद मृतक के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।
वृद्धावस्था में भी अटूट थी आस्था
सुदामा नगर क्षेत्र में रहने वाले और मृतक के करीबी, समाजसेवी महेंद्र सिंह बैस ने बताया कि भोगेश मिश्रा बाबा महाकाल के प्रति गहरी आस्था रखते थे। उन्हें पूरे क्षेत्र में 'काका जी' के नाम से जाना जाता था। वृद्धावस्था के बावजूद भी उनकी भक्ति कम नहीं हुई थी।
महेंद्र सिंह बैस ने बताया कि काका जी न केवल प्रतिदिन भस्म आरती देखने जाते थे, बल्कि नियमित रूप से भगवान को हरिओम का जल भी चढ़ाते थे। वह रोज़ाना पैदल महाकालेश्वर मंदिर पहुंचते थे और भगवान की भक्ति में लीन रहते थे।
मूल रूप से बिहार के निवासी
भोगेश मिश्रा मूल रूप से बिहार के रहने वाले थे, लेकिन कुछ साल पहले उज्जैन आ गए थे और यहीं विनोद मिल में नौकरी करते थे। उज्जैन को ही उन्होंने अपनी कर्मभूमि और भक्ति का केंद्र बना लिया था।
पुलिस और मंदिर प्रशासन ने इस घटना की जानकारी उनके परिवार के लोगों को दे दी है। परिवार के सदस्य आज रात तक उज्जैन पहुंचने वाले हैं। इसके बाद, उनकी अंतिम यात्रा 5 दिसंबर (शुक्रवार) को सुबह 11 बजे सुदामा नगर स्थित उनके निवास से निकाली जाएगी। बाबा महाकाल के प्रांगण में उनके अंतिम क्षणों ने उनकी अटूट आस्था और भक्ति को अमर कर दिया है, जिससे उज्जैन के भक्त समुदाय में शोक की लहर है।