मुंबई, 06 नवम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार संविधान में 27वां संशोधन लाने जा रही है, जिससे सेना प्रमुख को अधिक शक्तियां मिल सकती हैं और प्रांतों को मिलने वाला फंड कम किया जा सकता है। रिपोर्टों के मुताबिक, प्रस्तावित संशोधन में संविधान के अनुच्छेद 243 में बदलाव किया जाएगा, जो सेना प्रमुख की नियुक्ति और सशस्त्र बलों के कमांड से जुड़ा है। संशोधन के तहत “कमांडर-इन-चीफ” नाम से एक नया संवैधानिक पद भी बनाने की तैयारी है।
इस संशोधन बिल पर 14 नवंबर को नेशनल असेंबली में वोटिंग होगी। इसे देखते हुए सरकार ने अपने सभी मंत्रियों के विदेशी दौरे रद्द कर दिए हैं। माना जा रहा है कि मौजूदा सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर, जो 2027 में रिटायर होने वाले हैं, को इस संशोधन से लाइफटाइम अधिकार देने की कोशिश की जा सकती है। इस कदम का इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) ने विरोध किया है।
पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (PPP) के चेयरमैन बिलावल भुट्टो ने सोशल मीडिया पर खुलासा किया कि सरकार ने इस संशोधन पर उनका समर्थन मांगा है। सरकार ने अब तय किया है कि 27वें संशोधन का अंतिम मसौदा इस हफ्ते संसद के ऊपरी सदन सीनेट में पेश किया जाएगा। डिप्टी प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने संसद में पुष्टि की कि संशोधन पूरी तरह कानूनी प्रक्रिया के तहत लाया जाएगा और इसमें कोई जल्दबाजी नहीं होगी।
नेशनल असेंबली की 336 में से 326 सीटें फिलहाल भरी हुई हैं, और संविधान संशोधन पारित करने के लिए 224 वोट की जरूरत होगी। सत्तारूढ़ गठबंधन के पास करीब 230 सीटें हैं, इसलिए बिल के आसानी से पारित होने की संभावना है, हालांकि सीनेट में इसे चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
वहीं, PTI ने इस संशोधन का खुला विरोध करने का ऐलान किया है। पार्टी नेता हामिद खान ने आरोप लगाया कि सरकार संविधान को कमजोर करने की कोशिश कर रही है। इस बीच, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-क्यू (PML-Q) के प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से मुलाकात की और प्रस्तावित संशोधन पर चर्चा की। खुद शरीफ ने भी अपनी सहयोगी पार्टियों के नेताओं से मुलाकात कर उनका समर्थन हासिल करने की कोशिश की है।