अफगानिस्तान एक बार फिर प्राकृतिक आपदा की चपेट में आ गया है। सोमवार की रात, स्थानीय समय के अनुसार आधी रात के करीब, देश के पूर्वी हिस्से — कुनार और नंगरहार प्रांतों — में रिक्टर स्केल पर 6.3 तीव्रता का भूकंप आया, जिसने कई इलाकों को तबाह कर दिया। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, भूकंप ने 600 से अधिक लोगों की जान ले ली, जबकि 1,000 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। राहत और बचाव कार्य जारी हैं, और आशंका है कि मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है।
केंद्र और प्रभाव का क्षेत्र
यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के मुताबिक, भूकंप का केंद्र जलालाबाद से करीब 27 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में था, और इसकी गहराई सिर्फ 8 किलोमीटर थी। सतह के इतने करीब भूकंप होने की वजह से इसका असर बेहद तीव्र रहा। कुनार और नंगरहार, जो पहले से ही अविकसित और संसाधनविहीन इलाके हैं, सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं।
मलवे में दबे हैं लोग, गांव पूरी तरह तबाह
तालिबान सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि 610 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है और 1,300 से ज्यादा लोग घायल हैं। इसके अलावा कई गांव पूरी तरह से तबाह हो चुके हैं और वहां से मलबे में दबे लोगों को निकालने का काम युद्ध स्तर पर जारी है। सैकड़ों लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं। चश्मदीदों के अनुसार, इमारतें गिरने की आवाजें, चीख-पुकार, और अंधेरे में मची अफरा-तफरी ने हालात को और भयावह बना दिया।
बचाव अभियान में जुटी टीमें
लिबान प्रशासन ने देश के अलग-अलग हिस्सों से डॉक्टरों, राहत कर्मियों और सेना को प्रभावित इलाकों में भेजा है। काबुल, कुनार और नंगरहार से हेलीकॉप्टरों के जरिए बचाव अभियान चलाया जा रहा है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, कुछ स्थानों पर सड़कें टूट गई हैं, जिससे राहत पहुंचाने में दिक्कत हो रही है।
संयुक्त राष्ट्र (UN) और रेड क्रॉस जैसी अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने भी राहत कार्य शुरू कर दिए हैं। उन्होंने भोजन, तंबू, चिकित्सा किट और पानी की आपूर्ति शुरू कर दी है।
भविष्य में और झटकों की आशंका
भूकंप विज्ञानियों ने चेतावनी दी है कि अगले कुछ दिनों में आफ्टरशॉक्स या दोबारा भूकंप आने की संभावना है। इसलिए प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को खुले स्थानों पर रहने की सलाह दी गई है। स्थानीय लोगों के लिए सबसे बड़ी चुनौती सर्द मौसम, भोजन की कमी और चिकित्सा सहायता की उपलब्धता है।
डरावने वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल
सोशल मीडिया पर भूकंप के वीडियो तेजी से वायरल हो रहे हैं। इन वीडियो में गिरती हुई इमारतें, भागते हुए लोग, और मलबे से लोगों को निकालने के दृश्य देखे जा सकते हैं। लोगों में दहशत है, और अधिकांश प्रभावित लोग अब खुले में रात बिताने को मजबूर हैं।
ष्कर्ष
अफगानिस्तान में आया यह भूकंप केवल एक भौगोलिक आपदा नहीं, बल्कि मानवीय त्रासदी का रूप ले चुका है। एक ऐसे देश के लिए, जो पहले से ही राजनीतिक अस्थिरता, गरीबी और वैश्विक अलगाव से जूझ रहा है, यह आपदा उसकी समस्याओं को और गहरा कर सकती है। जरूरत है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय आगे आए, और अफगानिस्तान को इस संकट से उबरने में मदद करे।