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YouTube ला रहा 'लाइकनेस डिटेक्शन टूल': डीपफेक AI कंटेंट से क्रिएटर्स को मिलेगी सुरक्षा

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Posted On:Thursday, October 23, 2025

मुंबई, 23 अक्टूबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से जेनरेट किए गए कंटेंट, खासकर डीपफेक (Deepfake) वीडियो के बढ़ते खतरे के बीच, YouTube ने अपने क्रिएटर्स को उनकी पहचान सुरक्षित रखने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। Google के स्वामित्व वाले इस वीडियो-शेयरिंग प्लेटफॉर्म ने घोषणा की है कि वह अपने 'लाइकनेस डिटेक्शन टूल' (Likeness Detection Tool) को अधिक क्रिएटर्स के लिए विस्तृत कर रहा है। यह टूल क्रिएटर्स को उन वीडियो को खोजने और हटाने में मदद करेगा जिनमें उनके चेहरे को AI द्वारा बदल दिया गया है या जेनरेट किया गया है।

टूल कैसे काम करेगा?

YouTube ने एक ब्लॉग पोस्ट में बताया कि यह नई 'लाइकनेस मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी' क्रिएटर्स को जेनरेटिव AI द्वारा बनाए गए कंटेंट से खुद को बचाने में मदद करेगी।

कंटेंट ID की तरह कार्य: YouTube के अनुसार, यह टूल काफी हद तक उसके कंटेंट ID सिस्टम की तरह काम करता है। हालांकि, जहां कंटेंट ID कॉपीराइटेड सामग्री की तलाश करता है, वहीं यह टूल किसी व्यक्ति की समानता (Likeness) को खोजता है।

पहचान सत्यापन: क्रिएटर्स को पहले YouTube स्टूडियो में अपनी पहचान सत्यापित करनी होगी।

चेहरे की अपलोडिंग: टूल सेटअप करते समय, क्रिएटर अपने चेहरे की इमेज अपलोड करते हैं।

स्कैनिंग और फ्लैगिंग: इसके बाद, YouTube का सिस्टम नए अपलोड किए गए वीडियो को स्कैन करेगा और उन वीडियो की पहचान करेगा जिनमें क्रिएटर का AI-जनरेटेड या परिवर्तित चेहरा शामिल हो सकता है।

रिमूवल रिक्वेस्ट: कंटेंट डिटेक्शन टैब में फ्लैग किए गए वीडियो की समीक्षा करने के बाद, क्रिएटर यह तय कर सकते हैं कि क्या वीडियो अनधिकृत या AI-जनरेटेड है। यदि ऐसा है, तो वे उसे हटाने के लिए अनुरोध (Removal Request) सबमिट कर सकते हैं।

वर्तमान स्थिति और चेतावनी

यह सुविधा इस साल की शुरुआत में यूजर्स के एक छोटे समूह के बीच शुरू की गई थी, लेकिन अब कंपनी इसे बीटा संस्करण में अधिक क्रिएटर्स के लिए उपलब्ध करा रही है।

YouTube ने यह भी चेतावनी दी है कि यह टूल ऐसे वीडियो भी दिखा सकता है जिनमें आपका वास्तविक चेहरा हो, न कि कोई AI-परिवर्तित या सिंथेटिक संस्करण। उदाहरण के लिए, यह आपके अपने YouTube वीडियो के छोटे क्लिप्स को फ्लैग कर सकता है, जिन्हें मौजूदा गोपनीयता नीतियों के तहत हटाया नहीं जा सकता।

AI-जनरेटेड कंटेंट का बढ़ता चलन

हाल के महीनों में AI-जनरेटेड कंटेंट की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी है। Google खुद भी शक्तिशाली और मुफ्त AI मॉडल को बढ़ावा दे रहा है। कंपनी ने हाल ही में Veo 3.1 जैसे नए AI मॉडल का अनावरण किया है, जिसमें पोर्ट्रेट और लैंडस्केप दोनों वीडियो के लिए समर्थन शामिल है, और इसे जल्द ही YouTube के साथ इंटीग्रेट करने का वादा किया गया है। AI कंटेंट में इस वृद्धि के साथ, यह नया टूल सामग्री क्रिएटर्स को उनकी गोपनीयता और डिजिटल पहचान की रक्षा करने में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।

टूल का उपयोग कैसे करें

इस नई सुविधा का उपयोग करने के लिए, क्रिएटर्स को:

  • YouTube स्टूडियो खोलना होगा।
  • बाएं मेनू में 'Content Detection' पर क्लिक करना होगा।
  • 'Likeness' पर टैप करना होगा।
  • 'Start now' बटन दबाना होगा।


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