ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क ने एक बार फिर साबित कर दिया कि उम्र उनके लिए सिर्फ एक संख्या है। अपने करियर के सौवें टेस्ट मैच में, उन्होंने क्रिकेट इतिहास में एक और सुनहरा अध्याय जोड़ते हुए वेस्टइंडीज के खिलाफ जबरदस्त गेंदबाजी की और 5 विकेट हॉल लेकर टेस्ट क्रिकेट में 400 विकेट पूरे कर लिए। उनकी इस ऐतिहासिक उपलब्धि ने क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में एक बार फिर से उनकी खास जगह बना दी है।
100वें टेस्ट में रचा इतिहास
जमैका में खेले जा रहे तीसरे टेस्ट मैच में मिचेल स्टार्क ने अपने टेस्ट करियर का 100वां मैच खेला। यह अवसर उनके लिए बेहद खास था, लेकिन उन्होंने इसे यादगार बना दिया अपने 15 गेंदों में 5 विकेट लेकर। यह टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में सबसे कम गेंदों में 5 विकेट लेने का रिकॉर्ड है।
पहली पारी में उन्होंने 1 विकेट लिया था, लेकिन दूसरी पारी में उन्होंने महज़ 7.3 ओवरों में 9 रन देकर 6 विकेट अपने नाम कर लिए। उनकी इस प्रदर्शन के कारण वेस्टइंडीज की टीम महज़ 27 रन पर ऑलआउट हो गई — जो टेस्ट क्रिकेट में सबसे कम स्कोर में से एक है।
400 टेस्ट विकेट का मील का पत्थर
मिचेल स्टार्क अब टेस्ट क्रिकेट में 400 विकेट लेने वाले ऑस्ट्रेलिया के चौथे गेंदबाज बन गए हैं। उनसे पहले यह कारनामा ग्लेन मैक्ग्रा (563 विकेट), शेन वॉर्न (708 विकेट) और नाथन लियोन (500+ विकेट) कर चुके हैं।
इसके साथ ही, वह बाएं हाथ के तीसरे तेज गेंदबाज बन गए हैं जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 400 से अधिक विकेट लिए हैं। उनसे पहले वसीम अकरम (पाकिस्तान) और रंगना हेराथ (श्रीलंका) ही यह उपलब्धि हासिल कर पाए थे।
पिंक बॉल के सुपरस्टार
जब बात डे-नाइट टेस्ट की होती है और गेंद पिंक बॉल की होती है, तो मिचेल स्टार्क का नाम सबसे ऊपर आता है। पिंक बॉल के साथ उनकी स्विंग, स्पीड और सटीकता ने उन्हें "पिंक बॉल स्पेशलिस्ट" बना दिया है। उनकी गेंदें इस फॉर्मेट में सबसे ज्यादा खतरनाक होती हैं, और उनका रिकॉर्ड इसे सिद्ध भी करता है।
100 टेस्ट मैचों में मिचेल स्टार्क ने अब तक 27.02 की औसत से 402 विकेट चटकाए हैं, जो कि किसी भी तेज गेंदबाज के लिए अविश्वसनीय है। उनकी गेंदबाजी में वह धार अब भी मौजूद है, जिससे विरोधी बल्लेबाजों में खौफ बना हुआ है।
तेज गेंदबाजों के लिए प्रेरणा
स्टार्क का सफर उन युवा गेंदबाजों के लिए प्रेरणा है जो रफ्तार और सटीकता के बीच संतुलन की तलाश करते हैं। चोटों और आलोचनाओं के बावजूद स्टार्क ने हमेशा वापसी की और अपने प्रदर्शन से आलोचकों को चुप कराया।
एक समय था जब यह सवाल उठने लगे थे कि क्या स्टार्क का करियर खत्म हो रहा है। लेकिन उन्होंने जवाब दिया अपने खेल से — और वो भी बेहद आक्रामक अंदाज में। उनके इस प्रदर्शन ने साबित किया कि वो आज भी ऑस्ट्रेलिया की गेंदबाजी की रीढ़ की हड्डी हैं।
वेस्टइंडीज की शर्मनाक हार
वेस्टइंडीज टीम के लिए यह टेस्ट मैच बेहद खराब रहा। पहले ही दिन मिचेल स्टार्क की कहर बरपाती गेंदों के सामने उनकी बल्लेबाजी पूरी तरह से बिखर गई। केवल 27 रन पर पूरी टीम का ऑलआउट होना, टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में शर्मनाक स्कोरों में से एक है।
स्टार्क के अलावा पैट कमिंस और जोश हेज़लवुड ने भी वेस्टइंडीज पर दबाव बनाए रखा, लेकिन स्टार्क का स्पैल मैच का टर्निंग पॉइंट रहा।
स्टार्क का भविष्य और विश्व क्रिकेट पर असर
भले ही स्टार्क अब अपने करियर के अंतिम चरण में हों, लेकिन उनका अनुभव और कौशल अभी भी ऑस्ट्रेलिया के लिए बेशकीमती है। उन्हें आने वाले चैंपियनशिप मैचों, एशेज सीरीज और विदेशी दौरों में टीम के प्रमुख हथियार के तौर पर देखा जा रहा है।
वो जिस तरह से अपनी फिटनेस और लय बनाए हुए हैं, उसे देखकर लगता है कि स्टार्क अभी कुछ और वर्षों तक टॉप लेवल पर क्रिकेट खेल सकते हैं।
निष्कर्ष
मिचेल स्टार्क ने अपने 100वें टेस्ट में इतिहास रचकर यह साबित कर दिया है कि वो अब भी दुनिया के सबसे खतरनाक तेज गेंदबाजों में से एक हैं। 400 विकेट की उपलब्धि, सबसे तेज 5 विकेट हॉल और पिंक बॉल में बेजोड़ प्रदर्शन — यह सब दर्शाता है कि वो क्यों खास हैं।
उनकी गेंदबाजी शैली, रफ्तार और आक्रामकता युवाओं के लिए मिसाल है। और जब भी वह गेंद हाथ में लेते हैं, तो सिर्फ बल्लेबाज ही नहीं, बल्कि पूरा स्टेडियम सन्नाटा ओढ़ लेता है। मिचेल स्टार्क, आप वाकई में लीजेंड हैं।