प्रयागराज न्यूज डेस्क: प्रयागराज के कई इलाकों में डेंगू के मरीज सामने आने के बाद लोग चिंतित हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की उदासीनता के कारण अभी तक सावधानी के पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए हैं। शहर के करीब एक दर्जन मोहल्लों को संवेदनशील घोषित किया गया है, जिसमें तेलियरगंज और अल्लापुर प्रमुख हैं। बीते वर्षों में इन इलाकों में डेंगू का कहर रहा है और अब वही हालात दोबारा बनते नजर आ रहे हैं।
तेलियरगंज और शिलाखाना के लोग बताते हैं कि अरसे से सफाई व्यवस्था दुरुस्त नहीं है। कांशीराम कॉलोनी में पाइपों से पानी बह रहा है, कचरे के ढेर लगे हैं और गंदगी पसरी हुई है। बावजूद इसके, फॉगिंग और एंटी-लार्वा का छिड़काव नहीं किया गया, जिससे लोगों की चिंता बढ़ गई है। अल्लापुर में भी रामानंद नगर, तिलक नगर, विमल नगर, हैजा अस्पताल के पीछे और लेबर चौराहा जैसे जगहों पर एंटी-लार्वा के छिड़काव की सख्त जरूरत है।
स्वास्थ्य विभाग ने शहर में सात डेंगू जोन बनाए हैं – तेलियरगंज, अल्लापुर, धूमनगंज, मुंडेरा, नैनी, झूंसी और फाफामऊ। साथ ही ग्रामीण अंचल के भारतगंज, मांडा, जसरा आदि को भी संवेदनशील क्षेत्र माना जा रहा है। शहर के सरकारी अस्पतालों में डेंगू मरीजों के लिए अलग वार्ड बनाए गए हैं। स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल, तेग बहादुर सप्रू अस्पताल और काल्विन अस्पताल में 25-25 बेड के डेंगू वार्ड हैं।
मलेरिया विभाग की टीम ने 71,200 घरों में 6,800 स्थानों पर डेंगू मच्छर के लार्वा पाए हैं। इनमें कूलर, फ्रिज, पानी की टंकी, गमले, नाली, पुराने टायर और डिब्बे शामिल हैं। जिले में अक्टूबर महीने में अब तक 10 नए डेंगू मरीज सामने आए हैं, जिससे कुल मरीजों की संख्या बढ़कर 43 हो गई है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि दशहरा से पहले सफाई और एंटी-लार्वा के छिड़काव की मांग की गई थी, लेकिन जिम्मेदार कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। जैसे ही डेंगू का खतरा बढ़ता है, लोग डर और दहशत में हैं। तेलियरगंज के राजकुमार गौतम ने कहा, “जिम्मेदार समय रहते कार्रवाई नहीं कर रहे। डेंगू रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है।”