उपनगर क्षेत्र में आवारा कुत्तों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। मुख्य बाजार, बस स्टैंड और रिहायशी इलाकों में सुबह-शाम घूमते झुंड लोगों के लिए गंभीर परेशानी बन गए हैं। स्कूल जाने वाले बच्चे, बुजुर्ग और सुबह-सवेरे टहलने वाले नागरिक अक्सर इनके हमले का शिकार हो रहे हैं, जिससे स्थानीय लोग भयभीत हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि कई बार नगरपालिका प्रशासन को शिकायत दी गई, लेकिन कार्रवाई न के बराबर हुई। लोगों ने चेतावनी दी है कि अगर आवारा कुत्तों पर नियंत्रण नहीं हुआ, तो किसी भी समय बड़ा हादसा हो सकता है।
नगरपालिका की प्रतिक्रिया और अभियान की तैयारी
इस मामले में ईओ नगरपालिका दिलीप कुमार ने कहा कि प्रशासन समस्या से पूरी तरह वाकिफ है। उन्होंने बताया कि जल्द ही शहर में डॉग कैचिंग अभियान शुरू किया जाएगा। अभियान में टीम को निर्देश दिए गए हैं कि संवेदनशील इलाकों जैसे स्कूल, बस स्टैंड और मुख्य बाजारों में प्राथमिकता के आधार पर आवारा कुत्तों को पकड़ा जाए और उन्हें सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया जाए। ईओ ने यह भी कहा कि नगरपालिका पर्याप्त संसाधन जुटा रही है ताकि अभियान प्रभावी और समय पर पूरा किया जा सके। उन्होंने यह आश्वासन दिया कि इस बार अभियान में सभी संवेदनशील क्षेत्रों को शामिल किया जाएगा, जिससे नागरिकों को जल्दी राहत मिल सके।
सफाई और कूड़े के ढेर हटाने पर जोर
ईओ ने बताया कि नगर क्षेत्र में सफाई व्यवस्था और कूड़े के ढेर हटाने के काम को भी तेज़ किया जा रहा है। उनका कहना है कि आवारा कुत्तों की संख्या में वृद्धि में भोजन के स्रोतों की अधिकता एक बड़ा कारण है।
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कूड़े के ढेर हटाने से कुत्तों के लिए भोजन की उपलब्धता कम होगी।
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इस तरह उनके झुंड पर स्वाभाविक नियंत्रण रहेगा।
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स्थानीय लोगों से भी अनुरोध किया गया है कि वे खुले में खाना न डालें, क्योंकि इससे झुंड और बढ़ते हैं।
जनजागरूकता अभियान की योजना
ईओ ने बताया कि जल्द ही नगरपालिका जनजागरूकता अभियान भी शुरू करेगी। अभियान का उद्देश्य शहरवासियों को आवारा कुत्तों के प्रति सतर्क करना और उन्हें उचित व्यवहार अपनाने के लिए प्रेरित करना है।
जनजागरूकता अभियान के तहत निम्न कार्य किए जाएंगे:
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नागरिकों को आवारा कुत्तों को खाना न देने की जानकारी देना।
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बच्चों और बुजुर्गों को आवारा कुत्तों के हमले से बचने के उपाय बताना।
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लोगों को शिकायत करने के सही चैनल और त्वरित कार्रवाई के बारे में जागरूक करना।
ईओ ने यह भी कहा कि नागरिकों का सहयोग इस अभियान की सफलता के लिए महत्वपूर्ण है।
नागरिकों की सुरक्षा प्राथमिकता
दिलीप कुमार ने स्पष्ट किया कि नगर प्रशासन की प्राथमिकता नागरिकों की सुरक्षा है। उन्होंने आश्वासन दिया कि अभियान के दौरान कुत्तों को मानवता के दृष्टिकोण से सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया जाएगा और किसी तरह का क्रूर व्यवहार नहीं किया जाएगा। इस पूरे प्रयास का उद्देश्य है कि शहरवासियों को आवारा कुत्तों के आतंक से राहत मिल सके और स्कूल जाने वाले बच्चों, बुजुर्गों और अन्य नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित हो।