दिल्ली के लाल किला धमाके की जांच अब नए मोड़ पर पहुंच गई है। जांच एजेंसियां हर एंगल से सुराग जुटाने में लगी हैं, और इसी क्रम में श्रीनगर में लगे एक जैश-ए-मोहम्मद के पोस्टर से बड़ा खुलासा हुआ है। यह पोस्टर एक ऐसे नेटवर्क से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है, जिसमें आतंकी संगठन से संबंध रखने वाले डॉक्टर और मेडिकल छात्र शामिल हैं।
जैश से जुड़ा डॉक्टरों का नेटवर्क
जांच एजेंसियों को जो सुराग मिले हैं, उनके अनुसार, श्रीनगर में अक्टूबर महीने में कुछ पोस्टर लगाए गए थे जिन पर उर्दू में धमकी भरे संदेश लिखे थे। इन पोस्टरों में सुरक्षा बलों और “बाहरी लोगों” पर बड़े हमलों की चेतावनी दी गई थी। जांच के दौरान पता चला कि यह काम जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े डॉ. अदील अहमद राठेर ने किया था। राठेर को पोस्टर लगाते हुए भी देखा गया था।
पोस्टर में क्या लिखा था?
पोस्टर पर उर्दू में लिखा गया था –
“हमें उम्मीद है कि आप सब कुशल-मंगल होंगे और हमने जो कहा है, उस पर अमल करेंगे। हम काफी समय से देख रहे हैं, लेकिन आप भी उन्हीं पापों में लिप्त हैं। इसलिए हम कहना चाहते हैं कि शरिया के खिलाफ जो कर रहे हैं, उसे बंद करें, अन्यथा हमारी कार्रवाई बहुत कड़ी होगी। इस पोस्टर में लोगों को चेतावनी दी गई थी कि वे “वापस आ जाएं”, वरना उन्हें गंभीर अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहना होगा।
19 अक्टूबर को मिला था पोस्टर
ये पोस्टर 19 अक्टूबर को बनपोरा नौगाम क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर लगे पाए गए थे। इसके बाद यूएपीए, भारतीय न्याय संहिता, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और शस्त्र अधिनियम के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू की गई। जम्मू-कश्मीर पुलिस के अनुसार, जांच में एक सफेदपोश आतंकवादी नेटवर्क का खुलासा हुआ है, जिसमें कट्टरपंथी पेशेवर और मेडिकल छात्र शामिल हैं। ये सभी पाकिस्तान और अन्य देशों से संचालित विदेशी हैंडलरों के संपर्क में थे।
डॉ. अदील अहमद राठेर और अन्य डॉक्टरों की भूमिका
पुलिस ने जांच में पाया कि डॉ. अदील अहमद राठेर, जो अनंतनाग के सरकारी मेडिकल कॉलेज में कार्यरत था, कुछ समय बाद उत्तर प्रदेश के सहारनपुर चला गया था। वहीं, 27 अक्टूबर को उसे गिरफ्तार किया गया।
उसके लॉकर से एक असॉल्ट राइफल भी बरामद हुई। यह सबूत यह दर्शाता है कि वह न केवल प्रचार-प्रसार में बल्कि आतंक से सीधे जुड़ी गतिविधियों में भी शामिल था। इसके अलावा जांच में डॉ. मुजम्मिल शकील का नाम भी सामने आया, जो हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल-फलाह मेडिकल कॉलेज में कार्यरत था और कॉलेज परिसर में ही रहता था। अब एजेंसियां इन दोनों डॉक्टरों के संपर्कों, फंडिंग स्रोतों और सोशल मीडिया नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही हैं।
लाल किला धमाके से जुड़ाव की जांच
दिल्ली में हुए लाल किला धमाके के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने यह जांच शुरू की कि कहीं श्रीनगर का यह नेटवर्क इस घटना से जुड़ा तो नहीं। सूत्रों के अनुसार, दोनों घटनाओं के पीछे जैश-ए-मोहम्मद के डिजिटल प्रचार नेटवर्क और फंडिंग चैनल की समानताएं मिली हैं। फिलहाल एनआईए, दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल और जम्मू-कश्मीर पुलिस मिलकर इस नेटवर्क के हर सदस्य की तलाश में जुटी हैं। इस खुलासे ने एक बार फिर देश में आतंकी संगठनों की नई रणनीति — शिक्षित युवाओं को बरगलाने की साजिश पर सवाल खड़े कर दिए हैं।