कोलकाता/नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) को लेकर राज्य की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को इस प्रक्रिया के खिलाफ चुनाव आयोग (EC) को पत्र लिखकर विरोध दर्ज कराया है, जबकि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा और लोकतंत्र की शुद्धता के लिए 'अपरिहार्य' बताया है।
गृह मंत्री शाह का कड़ा रुख: घुसपैठ और लोकतंत्र की शुद्धि
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक स्पष्ट संदेश जारी करते हुए SIR प्रक्रिया के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "भारत में घुसपैठ को रोकना न केवल देश की सुरक्षा के लिए जरूरी है, बल्कि देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को प्रदूषित होने से बचाने के लिए भी आवश्यक है।" उन्होंने आगे दुर्भाग्य व्यक्त किया कि "कुछ राजनीतिक दल इन घुसपैठियों को बचाने के लिए यात्रा लेकर निकले हैं, और चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची में जो शुद्धिकरण का काम हो रहा है, उसके खिलाफ हैं।" शाह ने शुक्रवार को गुजरात के कच्छ में BSF के डायमंड जुबली समारोह में बोलते हुए भी इस बात को दोहराया कि BSF देश की सीमाओं पर घुसपैठियों को रोकने में लगी है, और यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ-साथ लोकतांत्रिक व्यवस्था को प्रदूषित होने से बचाने के लिए भी जरूरी है।
TMC पर 'अवैध वोट बैंक' बचाने का आरोप
दूसरी ओर, भाजपा ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विरोध को 'अवैध वोट बैंक' को बचाने की कोशिश करार दिया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता शुभेंदु अधिकारी ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को पत्र लिखकर सीधे तौर पर ममता बनर्जी पर निर्वाचन आयोग को 'कमजोर' करने और 'एक अवैध वोट बैंक को बचाने' का आरोप लगाया, जिसे उनकी पार्टी (TMC) ने 'वर्षों तक पोषित' किया है। भाजपा ने दो टूक जवाब देते हुए कहा है कि, "चाहे कुछ भी हो जाए, बंगाल में एसआईआर होकर ही रहेगा।" यह स्पष्ट करता है कि केंद्र सरकार और भाजपा नेतृत्व इस पुनरीक्षण प्रक्रिया को हर हाल में लागू करने के पक्ष में है।
कांग्रेस भी SIR के विरोध में
पश्चिम बंगाल की तर्ज पर ही, देश के अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में भी चल रहे SIR को लेकर विपक्षी दल कांग्रेस भी मैदान में उतर आई है। बिहार की हार के बावजूद, कांग्रेस ने दिसंबर के पहले सप्ताह में दिल्ली के रामलीला मैदान में विशाल रैली के आयोजन का फैसला किया है।
कांग्रेस की बैठक में 12 राज्यों में मतदाता सूची के SIR की तैयारियों का विस्तृत मूल्यांकन किया गया। सूत्रों के अनुसार, राहुल गांधी ने पार्टी नेताओं को बूथ स्तर पर 'बीएलए' (बूथ लेवल एजेंट) की तैनाती करने और जनता के बीच जाने का निर्देश दिया है। राहुल गांधी ने इस लड़ाई को 'लोकतंत्र बचाने की लड़ाई' बताया, जिसे दो मोर्चों पर लड़ना होगा: कानूनी लड़ाई और जन-जागरण का युद्ध। कुल मिलाकर, विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अब केवल एक प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं रह गई है, बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा, घुसपैठ और देश की चुनावी शुद्धता को लेकर एक बड़े राजनीतिक टकराव का केंद्र बन चुका है।