12 जून 2025 को भारत की समुद्री सुरक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर जुड़ गया, जब 'अचल' नामक अत्याधुनिक फास्ट पेट्रोल वेसल (FPV) को भारतीय तटरक्षक बल (Indian Coast Guard) के बेड़े में शामिल किया गया। यह जहाज गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (GSL) द्वारा निर्मित किया गया है और इसके शुभारंभ के साथ ही आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को भी मजबूती मिली है। यह आठ जहाजों की श्रृंखला में से पहला है, जिसका निर्माण 2022 में हुए अनुबंध के तहत हो रहा है।
पारंपरिक विधि से जलावतरण
‘अचल’ का जलावतरण गोवा में एक भव्य समारोह में हुआ। यह शुभ अवसर कविता हरबोला ने पारंपरिक वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच पूरा किया। इस समारोह में तटरक्षक बल के अतिरिक्त महानिदेशक अनिल कुमार हरबोला सहित कई वरिष्ठ अधिकारी और विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे।
आत्मनिर्भरता की दिशा में मजबूत कदम
‘अचल’ का निर्माण 60 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री के साथ किया गया है। इसे भारत में ही डिजाइन और विकसित किया गया है, जो भारतीय रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक ठोस प्रयास है। जहाज के निर्माण में स्थानीय उद्योगों, एमएसएमई कंपनियों और श्रमिकों की भागीदारी रही है, जिससे रोजगार के अवसर भी उत्पन्न हुए हैं।
गोवा शिपयार्ड लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक बृजेश कुमार उपाध्याय ने इस मौके पर कहा कि, “‘अचल’ का जलावतरण भारत की जहाज निर्माण क्षमता का एक अनुकरणीय प्रमाण है। यह केवल एक जहाज नहीं, बल्कि भारतीय समुद्री सुरक्षा और रक्षा आत्मनिर्भरता की दिशा में हमारे सामूहिक प्रयासों की जीत है।”
‘अचल’ की खासियतें
‘अचल’ को भारतीय तटरक्षक बल की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। इसकी कुछ प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
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स्वदेशी डिजाइन: इसे पूरी तरह भारत में डिजाइन और निर्मित किया गया है, जो Make in India अभियान को समर्थन देता है।
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लंबाई और गति: यह जहाज 52 मीटर लंबा है और अधिकतम 27 नॉट्स (लगभग 50 किमी/घंटा) की गति से चल सकता है।
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मल्टीपर्पस मिशन: यह जहाज समुद्री गश्त, निगरानी, खोज एवं बचाव (Search & Rescue), अवैध शिकार और तस्करी रोकने जैसे अभियानों में सक्षम है।
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आधुनिक तकनीक से लैस: ‘अचल’ में अत्याधुनिक नेविगेशन सिस्टम, संचार यंत्र, और हथियार प्रणाली लगी है, जिससे यह उच्च स्तरीय सुरक्षा मिशनों को अंजाम दे सकता है।
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पर्यावरण के अनुकूल: इसमें उत्सर्जन को नियंत्रित करने वाली टेक्नोलॉजी का भी इस्तेमाल किया गया है।
समुद्री सुरक्षा को मिलेगा नया आयाम
भारतीय तटरक्षक बल तटीय सुरक्षा, समुद्री पर्यावरण संरक्षण और संकट के समय समुद्री सहायता प्रदान करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ‘अचल’ जैसे जहाज इस बल की ताकत को कई गुना बढ़ा देते हैं। यह जहाज उच्च गति से किसी भी आपात स्थिति में तेजी से प्रतिक्रिया दे सकता है, जिससे तटीय सीमाओं की निगरानी और सुरक्षा पहले से अधिक मजबूत होगी।
आर्थिक और सामरिक लाभ
जहाज निर्माण से जुड़ी स्वदेशी कंपनियों को भी बड़ा लाभ हुआ है। इस प्रोजेक्ट से देश की अर्थव्यवस्था को गति मिली है, खासकर रक्षा क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहन मिला है। MSME सेक्टर को भी इससे बड़ी मात्रा में ऑर्डर प्राप्त हुए हैं, जिससे रोजगार सृजन में इजाफा हुआ है।
भविष्य की योजना
‘अचल’ पहला जहाज है जिसे इस श्रृंखला में लॉन्च किया गया है। इसके बाद अगले कुछ वर्षों में कुल 7 और फास्ट पेट्रोल वेसल्स को भारतीय तटरक्षक बल को सौंपा जाएगा। इससे भारत की समुद्री सीमाओं की निगरानी और त्वरित कार्रवाई की क्षमता और सुदृढ़ हो जाएगी।
निष्कर्ष
‘अचल’ का समंदर में जलावतरण सिर्फ एक जहाज की शुरुआत नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की समुद्री सुरक्षा के नए युग की शुरुआत है। यह देश के वैज्ञानिकों, इंजीनियरों, मजदूरों और रणनीतिक योजनाकारों की सामूहिक मेहनत का प्रतीक है। आने वाले वर्षों में जब शेष जहाज भी तटरक्षक बल को मिलेंगे, तब यह न केवल भारत की समुद्री शक्ति को और मजबूती देगा बल्कि वैश्विक मंच पर भारत को एक सुरक्षित, सशक्त और आत्मनिर्भर समुद्री राष्ट्र के रूप में स्थापित करेगा।