अमेरिका की राजनीति में एक बार फिर तीखी बयानबाज़ी देखने को मिल रही है। न्यूयॉर्क के नवनिर्वाचित मेयर जोहरान ममदानी ने फिर से खुले तौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को “फासीवादी” कहा है। यह बयान ऐसे समय आया है जब एक दिन पहले दोनों नेताओं की व्हाइट हाउस में पहली आधिकारिक मुलाकात हुई थी, जिसमें माहौल अपेक्षाकृत सहज दिखाई दिया था और संबंधों में सुधार की उम्मीद जताई जा रही थी।
मुलाकात में दिखी थी सहजता, ट्रंप ने कहा था—‘कह दो फासीवादी… कोई बात नहीं’
शुक्रवार को जोहरान ममदानी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच व्हाइट हाउस में पहली आमने-सामने की बैठक हुई थी। चुनाव अभियान के दौरान दोनों एक-दूसरे पर लगातार तीखे और अपमानजनक आरोप लगाते रहे थे, लेकिन इस मुलाकात में दोनों ने सहयोग और बेहतर कामकाज की इच्छा जाहिर की थी।
पत्रकारों ने जब ममदानी से पूछा कि क्या वे अब भी ट्रंप को “फासीवादी” मानते हैं, तो ट्रंप ने माहौल हल्का करते हुए मजाक में कहा था—
“कोई बात नहीं… कह दो। यह समझाने से ज्यादा आसान है। उस वक्त यह बात मजाक में निकल गई, लेकिन अगले ही दिन हालात बदल गए।
इंटरव्यू में दोहराया बयान—‘ट्रंप एक फासीवादी और तानाशाह’
शनिवार को “Meet the Press” कार्यक्रम की एंकर क्रिस्टन वेल्कर के साथ इंटरव्यू में ममदानी ने अपने पुराने बयान पर फिर से मुहर लगा दी। उन्होंने कहा—“हाँ, मैं अब भी मानता हूँ कि राष्ट्रपति ट्रंप एक फासीवादी हैं। ममदानी ने आगे कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने जो कहा था, वह उनके विचारों पर आधारित था और उस पर वे आज भी कायम हैं। उनके बयान के बाद अमेरिकी राजनीति में हलचल मच गई और कई राजनीतिक विश्लेषकों ने इसे “अनावश्यक टकराव” बताया।
टकराव के बावजूद ट्रंप न्यूयॉर्क के साथ काम करने को तैयार
दिलचस्प बात यह है कि ममदानी के बयान के बावजूद राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा है कि वह न्यूयॉर्क शहर और उसके नागरिकों के हित में मेयर कार्यालय के साथ काम करते रहेंगे। व्हाइट हाउस सूत्रों के अनुसार, ट्रंप राष्ट्रपति पद के दौरान न्यूयॉर्क के लिए कई बुनियादी परियोजनाओं, फंडिंग और सुरक्षा योजनाओं पर काम शुरू करना चाहते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रंप यह दिखाना चाहते हैं कि वे राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर शासन करना चाहते हैं। वहीं ममदानी का मानना है कि राजनीतिक विचारों में मतभेद होने के बावजूद शहर के विकास के लिए सहयोग आवश्यक है।