प्रयागराज न्यूज डेस्क: संगमनगरी में गंगा और यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ने से बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। पांचवीं बार संगम तट पर श्री बड़े हनुमानजी को स्नान कराने के बाद बाढ़ की स्थिति भयावह होती जा रही है और कछारी इलाकों में रहने वाले लोगों की चिंता बढ़ गई है। पहाड़ों और मध्य प्रदेश में हो रही तेज बारिश के कारण अगले दो-तीन दिनों तक जलस्तर में और वृद्धि होने की संभावना है।
सिंचाई विभाग की रिपोर्ट के अनुसार शनिवार दोपहर 12 बजे नैनी में यमुना का जलस्तर 82.20 मीटर और फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 82.24 मीटर दर्ज किया गया। दोनों नदियों में प्रतिघंटे चार सेंटीमीटर की रफ्तार से पानी बढ़ रहा है। इससे संगम के आसपास के इलाकों में बाढ़ का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है।
सहायक नदियों की स्थिति भी चिंताजनक है। रामगंगा डबरी में जलस्तर खतरे के निशान के ऊपर बह रहा है, जबकि कानपुर बैराज पर जलस्तर 114.060 मीटर रिकॉर्ड किया गया है। इसके अलावा यमुना के सहायक नदियां जैसे बेतवा, केन, चंबल और टोंस नदी भी उफान पर हैं, जिससे संगम के बाद पानी तेजी से नहीं निकल पा रहा और खतरा और बढ़ रहा है। इटावा, औरैया, हमीरपुर और बांदा में यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।
प्रशासन ने स्थिति को गंभीरता से लेते हुए अलर्ट जारी कर सभी तैयारियां पूरी रखने के निर्देश दिए हैं। एडीएम वित्त एवं राजस्व विनीता सिंह ने संबंधित विभागों और अफसरों को पत्र जारी कर सतर्क रहने और आवश्यक कदम उठाने को कहा है।