नालंदा जिले के बिहार थाना क्षेत्र स्थित गढ़पर मोहल्ले में शुक्रवार की सुबह सड़क किनारे एक युवक का शव मिलने से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। स्थानीय लोगों की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुँची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। मौके की गंभीरता को देखते हुए एफएसएल टीम को भी बुलाया गया, ताकि हत्या के तरीके और घटना स्थल के संबंध में गहराई से जांच की जा सके। मृतक की पहचान नूरसराय थाना क्षेत्र के कोकचलक गांव के 23 वर्षीय मंटू कुमार उर्फ गोलू कुमार के रूप में हुई है। मंटू पिछले दो महीने से बिहारशरीफ में किराए के मकान में रहता था और कुछ दोस्तों के साथ मिलकर जमीन की खरीद-बिक्री के काम में जुटा था। पुलिस को शुरुआती जांच में कई अहम सुराग मिले हैं, जिनसे स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं कि यह सोची-समझी हत्या का मामला है।
शक गहरा रहा—कहीं और हत्या कर शव लाया गया?
सदर डीएसपी नूरुल हक ने बताया कि शव की स्थिति देखकर लगता है कि युवक की कहीं और हत्या की गई और फिर शव को सड़क किनारे फेंका गया। शरीर पर कई गहरे घाव, चोट और संघर्ष के निशान पाए गए हैं, जो यह दर्शाते हैं कि युवक ने हमलावरों से खुद को बचाने की कोशिश की होगी। पुलिस का कहना है कि यह हत्या व्यक्तिगत विवाद, लड़की से जुड़ा मामला या साइबर क्राइम के पैसों को लेकर तनाव का परिणाम हो सकती है। हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि किसी निष्कर्ष पर पहुँचने से पहले सभी साक्ष्यों को जोड़ना जरूरी है।
कॉल डिटेल और डिजिटल क्लूज से खुलेंगे राज
जांच को आगे बढ़ाते हुए पुलिस ने मृतक का मोबाइल फोन जब्त कर लिया है और उसके कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) की जांच शुरू कर दी है। इसके अलावा, मंटू के उन दोस्तों से पूछताछ की जा रही है, जिनके साथ वह पिछले कुछ महीनों से रह रहा था और जमीन के सौदों में शामिल था।
पुलिस का फोकस यह जानने पर है कि:
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मंटू के आखिरी कॉल किन-किन नंबरों पर हुए?
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वह किससे मिलने गया था?
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किस नंबर से उस पर दबाव या धमकी दी जा रही थी?
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और उसकी हत्या से पहले कौन-कौन लोग उसके संपर्क में थे?
परिजनों ने कही बड़ी बात—घबराहट में पैसे मांग रहा था मंटू
मामले में नया मोड़ तब आया जब मंटू के परिजनों ने बताया कि बीती रात युवक ने घर पर फोन कर बेहद घबराई आवाज में पैसों की मांग की थी। उसने कहा था—
“जल्दी पैसा भेज दो, मेरी जान जा रही है।”
इस पर उसकी बहन ने डर के माहौल में मंटू द्वारा भेजे गए QR कोड पर कुछ पैसे ट्रांसफर भी किए। पुलिस अब उस QR कोड और ट्रांजेक्शन नंबर के आधार पर जांच कर रही है कि पैसे किस खाते में गए और उसका संबंध किन लोगों से है। इस एक सुराग से पुलिस को शक है कि मंटू पर साइबर ठगी या रंगदारी का दबाव बनाया जा रहा था, या फिर यह किसी गिरोह की चाल हो सकती है जिसने पैसे लेने के बाद उसकी हत्या कर दी हो।
मकसद, विवाद और आखिरी बातचीत—हर एंगल पर काम
पुलिस इस हत्या को हल करने के लिए कई एंगल पर काम कर रही है:
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जमीन के सौदों में दुश्मनी?
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लड़की से जुड़ा विवाद?
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साइबर फ्रॉड और पैसों का दबाव?
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उसके साथ रहने वाले दोस्तों की भूमिका?
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और QR कोड के जरिए किए भुगतान का कनेक्शन?
डीएसपी ने कहा कि परिजनों के बयान और तकनीकी जांच दोनों महत्वपूर्ण हैं। कई तथ्य परिजनों ने बताए हैं, जिनके आधार पर पुलिस अपनी जांच आगे बढ़ा रही है। अधिकारियों का दावा है कि जल्द ही इस हत्या की गुत्थी सुलझा ली जाएगी।