महाराष्ट्र में किसानों का आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। पूर्व मंत्री और प्रहार पार्टी के प्रमुख बच्चू कडू के नेतृत्व में नागपुर में किसानों का आंदोलन बुधवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। प्रदर्शनकारियों ने राज्य सरकार से बिना शर्त कर्ज माफी और फसल का उचित दाम देने की मांग की है।
नागपुर-हैदराबाद हाईवे जाम, सैकड़ों किसान सड़कों पर
बुधवार सुबह से ही नागपुर-हैदराबाद राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-44) पर सैकड़ों किसान जुट गए और जुलूस की शक्ल में बैठ गए। उन्होंने घंटों तक यातायात अवरुद्ध कर राज्य सरकार के खिलाफ जोरदार नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि लगातार बढ़ते कर्ज, घटते दाम और मौसम की मार ने किसानों की कमर तोड़ दी है, लेकिन सरकार अब तक ठोस समाधान पेश नहीं कर पाई है। बच्चू कडू ने चेतावनी दी, “अगर सरकार ने हमारी मांगों पर तुरंत कदम नहीं उठाया, तो आंदोलन का अगला चरण और उग्र होगा। अब किसान सिर्फ सड़कों पर नहीं रुकेंगे, रेल भी रोकेंगे। सरकार के पास पैसा नहीं है तो केंद्र से मदद मांगे, लेकिन किसानों को राहत देना जरूरी है।”
‘फसल का पूरा दाम नहीं मिल रहा’
कडू ने बताया कि किसान सोयाबीन के लिए ₹6,000 प्रति क्विंटल और हर फसल पर 20% बोनस की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि मध्य प्रदेश में “भावांतर योजना” लागू है, जिससे किसानों को फसलों का पूरा मूल्य मिलता है, जबकि महाराष्ट्र में किसानों को बाजार के भरोसे छोड़ दिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस किसानों से मिलने तक नहीं आ रहे हैं। “राज्य का किसान भूख, कर्ज और निराशा के बीच फंसा है। ऐसे में सिर्फ पैकेज नहीं, ठोस नीति की जरूरत है,” कडू ने कहा।
आंदोलन में बढ़ती संख्या
प्रहार पार्टी के अनुसार, अब तक 1.5 लाख से ज्यादा किसान इस आंदोलन में शामिल हो चुके हैं और यदि सरकार ने बुधवार रात तक समाधान नहीं निकाला, तो गुरुवार तक एक लाख नए किसान आंदोलन में पहुंच जाएंगे।
फडणवीस सरकार के राहत पैकेज को बताया अपर्याप्त
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस महीने की शुरुआत में बाढ़ और बेमौसम बारिश से प्रभावित किसानों के लिए ₹31,628 करोड़ के राहत पैकेज की घोषणा की थी। इसके तहत किसानों को ₹10,000 नकद सहायता और 68 लाख हेक्टेयर फसल क्षति का मुआवजा देने की योजना है। हालांकि, प्रदर्शनकारियों ने इसे “सिर्फ एक तात्कालिक राहत” बताते हुए कर्ज की पूर्ण माफी और फसल बीमा सुधार की मांग की है।
अमित शाह ने बताया सरकार की पहल
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार किसानों के साथ है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की ओर से ₹2,215 करोड़ के अतिरिक्त राहत पैकेज की घोषणा की गई है, जिससे 31 लाख किसानों को लाभ हुआ है। साथ ही, प्रभावित किसानों को ₹10,000 नकद और 35 किलो अनाज देने की योजना भी शुरू की गई है। इसके अलावा, अल्पकालिक कृषि ऋणों की वसूली स्थगित और भू-राजस्व व परीक्षा शुल्कों में छूट दी गई है।
किसानों की चेतावनी – “अब नहीं तो कभी नहीं”
आंदोलनकारी किसानों ने साफ कहा है कि वे इस बार “अधूरे वादों” से नहीं मानेंगे। उनका कहना है कि जब तक कर्ज माफी, न्यूनतम समर्थन मूल्य और फसल बीमा की शर्तें लागू नहीं होतीं, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। नागपुर की सड़कों पर उमड़ी किसानों की भीड़ अब एक स्पष्ट संदेश दे रही है महाराष्ट्र का किसान राहत नहीं, हक चाहता है।