मुंबई, 02 सितम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि ट्रम्प ने देशहित से ऊपर अपने निजी व्यवसाय को रखा और पाकिस्तान से फैमिली बिजनेस के लिए सौदे किए। सुलिवन के मुताबिक, ट्रम्प के इन फैसलों से न केवल भारत-अमेरिका संबंध कमजोर हुए, बल्कि पूरे देश को रणनीतिक नुकसान झेलना पड़ा।
सुलिवन ने एक यूट्यूब चैनल से बातचीत में कहा कि ट्रम्प ने भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष को रोकने का दावा किया, लेकिन इसके पीछे असल वजह उनके बिजनेस हित थे। उन्होंने आरोप लगाया कि ट्रम्प अमेरिका की विदेश नीति से हटकर पाकिस्तान और वहां की सेना के प्रमुख आसिम मुनीर को खुश करने की कोशिश कर रहे हैं। जबकि लंबे समय से अमेरिका की नीति भारत के साथ रिश्ते मजबूत करने की रही है। सुलिवन के अनुसार, भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है और अमेरिका को तकनीक, प्रतिभा और आर्थिक मामलों में उसके साथ मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने साफ कहा कि चीन के खतरे से निपटने के लिए भारत के साथ साझेदारी बेहद जरूरी है और इस रिश्ते को तोड़ना अमेरिका के लिए बड़ा रणनीतिक नुकसान है। अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि पाकिस्तान ने मार्च 2025 में पाकिस्तान क्रिप्टो काउंसिल की स्थापना की और जल्द ही वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल नामक कंपनी के साथ करार किया। इस कंपनी में ट्रम्प परिवार की 60% हिस्सेदारी है। इस समझौते के जरिए पाकिस्तान ने ब्लॉकचेन और क्रिप्टो टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने की योजना बनाई। माना जाता है कि इस डील से कंपनी की वैल्यू तेजी से बढ़ी और ट्रम्प परिवार की संपत्ति अरबों डॉलर तक पहुंच गई।
रिपोर्टों के अनुसार, यह डील केवल कारोबारी नहीं थी, बल्कि राजनीतिक रूप से भी बेहद अहम थी क्योंकि इसमें पाकिस्तानी प्रधानमंत्री और सेना प्रमुख जैसे बड़े नेता शामिल थे। इस साझेदारी ने ट्रम्प परिवार को पाकिस्तान के साथ गहरा कारोबारी और कूटनीतिक संबंध दिला दिए। चुनावी राजनीति में भी ट्रम्प इसे अपनी उपलब्धि के रूप में पेश कर सकते हैं। इस डील के बाद ट्रम्प का भारत के प्रति रुख बदल गया। उन्होंने भारत पर टैरिफ को 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया, जिससे व्यापारिक संबंध काफी प्रभावित हुए। वहीं, पाकिस्तान पर मात्र 19 प्रतिशत टैरिफ लगाया गया। ट्रम्प ने इसका कारण भारत द्वारा रूस से तेल खरीदना बताया, हालांकि चीन भी यही कर रहा है, लेकिन उस पर अतिरिक्त टैरिफ नहीं लगाया गया। इससे साफ जाहिर होता है कि पाकिस्तान में हुए व्यावसायिक सौदों ने ट्रम्प की नीतियों को भारत के खिलाफ मोड़ दिया।