प्रयागराज न्यूज डेस्क: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले के पालीकरनपुर गांव के 70 वर्षीय सुकुरु को साल 2023 में गलती से मृतक घोषित कर दिया गया था। इस कारण उनकी वृद्धावस्था पेंशन रोक दी गई और उनकी आर्थिक स्थिति और कमजोर हो गई। लेकिन जिलाधिकारी मनीष वर्मा की त्वरित कार्रवाई और उच्चस्तरीय जांच के बाद सुकुरु को अब आधिकारिक रूप से ‘जिंदा’ घोषित कर उनकी पेंशन तत्काल बहाल कर दी गई।
सुकुरु ने जनता दर्शन में प्रार्थना पत्र देकर बताया कि ग्राम पंचायत अधिकारी रंजना यादव ने गलत सत्यापन रिपोर्ट में उन्हें मृतक दर्शाया था। इस गलती के कारण उन्हें लंबे समय तक पेंशन नहीं मिली और जीवनयापन में कठिनाइयां बढ़ गईं। उनकी भावुक अपील ने उपस्थित सभी का ध्यान खींचा।
जिलाधिकारी मनीष वर्मा ने मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्य विकास अधिकारी हर्षिका सिंह को जांच का आदेश दिया। जांच में पुष्टि हुई कि सुकुरु जीवित हैं और प्रशासनिक लापरवाही के चलते उनकी पेंशन रोकी गई थी। इसके बाद जिलाधिकारी ने तुरंत पेंशन बहाल करने के निर्देश दिए और ग्राम पंचायत अधिकारी रंजना यादव को निलंबित कर दिया। साथ ही तत्कालीन सहायक विकास अधिकारी अखिलेश कुमार यादव के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का भी आदेश जारी किया गया।
इस घटना ने उत्तर प्रदेश में प्रशासनिक जवाबदेही और जीरो टॉलरेंस नीति का महत्व उजागर किया। जिलाधिकारी की त्वरित कार्रवाई ने न केवल सुकुरु को न्याय दिलाया, बल्कि अधिकारियों की लापरवाही पर भी सख्त संदेश दिया।